Banka: हमारे समाज में चिकित्सक को दूसरा भगवान का जाता है. कभी-कभी चिकित्सक अपने हुनर और सेवा के बल पर इसका जीवंत एहसास भी करा देते हैं. ऐसा ही कारनामा किया है महिला चिकित्सक डॉ दीप्ति ने. जी हां, ऑपरेशन के दौरान ही विद्युत आपूर्ति ठप होने के बावजूद टॉर्च और मोबाइल की रोशनी में सफल सिजेरियन प्रसव कराया. इसकी तारीफ चिकित्सा महकमा के साथ-साथ प्रसूता और उसके परिजन भी कर रहे हैं.
दरअसल, सोमवार को अमरपुर रेफरल अस्पताल में शॉर्ट शर्किट लगने की वजह से कुछ समय के लिए लाइट चली गयी थी और गोपालपुर गांव की डॉली कुमारी का सिजेरियन से प्रसव हो रहा था. अंधेरे में ऑपरेशन करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन डॉ दीप्ति सिन्हा ने टॉर्च और मोबाइल के जरिये सफल ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के जरिये डॉली ने बेटे को जन्म दिया. जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.
ऑपरेशन के बाद डॉली ही नहीं, बल्कि परिजन और अस्पताल आये पड़ोसी भी डॉ दीप्ति सिन्हा को शुक्रिया अदा कर रहे हैं. इस संबंध में डॉ दीप्ति सिन्हा ने कहा कि वे कर्तव्य का पालन कर रही थी. अगर कभी कोई मुश्किल आ जाती है, तो उस समय निर्णय लेना होता है कि हमारे लिए क्या सबसे महत्वपूर्ण है. मरीजों की सुरक्षा से बड़ी जिम्मेदारी और कुछ नहीं हो सकती.
उन्होंने कहा कि डॉली की सर्जरी कर रही थी तो अचानक थोड़ी देर के लिए बिजली चली गयी थी. वैसे तो कभी ऐसी घटना नहीं होती है, लेकिन तकनीकी वजह से कुछ परेशानी हो गयी. ऐसे में वे पीछे कैसे हट सकती थी. ऐसे समय में फैसले लेने की क्षमता महत्वपूर्ण होती है. अमरपुर रेफरल अस्पताल के प्रभारी डॉ सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कि हम चिकित्सक को चुनौती में काम करने की आदत होती है.
उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों से कोरोना काल में कई चुनौतियों का सामना किया. इसलिए सिर्फ चिकित्सक ही नहीं, बल्कि अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को भी महारत हासिल है. अस्पताल में शॉर्ट सर्किट की वजह से थोड़ी देर के लिए लाइट चली गयी थी, लेकिन इसके बावजूद दीप्ति ने अपना कर्तव्य सफलतापूर्वक निभाया.