बांका सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत चमरेली नवटोलिया गांव स्थित मदरसा में मंगलवार की सुबह करीब 8 बजे शक्तिशाली बम विस्फोट होने के बाद गांव के सभी पुरुष पुलिस को देखकर फरार हो गये. जबकि महिला भी अपने घर में दुबके रही. कड़ी धूप में भारी संख्या में गांव के पुरुष गांव से पश्चिम चांदन नदी तट व पूरब गांव पर बैठकर पुलिस की कार्रवाई की जानकारी लेते रहे. जबकि घटना स्थल के आस-पास वाले घर के लोग अपने घरों में ताला लगाकर फरार हो गये थे.
इसी बीच कड़ी धूप में पुलिस पूरे दिन कैंप कर घटना के उद्भेदन में जुटे रहे. दोपहर बाद जब पुलिस ने क्षतिग्रस्त मलवा को हटाने के लिए जेसीबी मशीन को जब लगाया तो कुछ घरों की महिला अपने छत व गेट पर निकल कर देख रही थी. जबकि पुलिस पदाधिकारी ने उक्त गांव में मौजूद महिला से घटना की जानकारी को लेकर कई बार पूछताछ किया, लेकिन कोई भी महिला पुलिस को कुछ भी बताने के लिए तैयार नहीं हुए. उधर पुलिस देर शाम तक गांव में कैप किए हुए था.
कोरोना महामारी को लेकर हुए लॉकडाउन के कारण मदरसा में पढ़ाई नहीं हो रहा था. सिर्फ इमाम अब्दुल मोविन ने ही मदरसा में रहकर मस्जिद में अजान आदि का कार्य करते थे. बताया जा रहा है कि मदरसा में गांव के दर्जनों बच्चें पढ़ाई के लिए आया करता था. गलिमत यही रहा कि घटना के दिन मदरसा में पढ़ाई के लिए बच्चा नहीं पहुंचा हुआ था. नहीं तो एक बड़ी हादसा हो सकती थी. क्योंकि जहां बम विस्फोट हुआ व इमाम का रुम था और रुम के बगल में ही इमाम बच्चें को पढ़ाया करते थे. वहीं इमाम के परिजनों ने बताया कि 2006 से ही उसने मदरसा में रहकर बच्चें को पढ़ाने का काम करता था. किसी कारण से बीच में कुछ माह के लिए वे घर चला गया. जिसके बाद गांव के ही फारुक, इदरीस व अहमद आदि ने उन्हें पुन: यहां बुलाया था.
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घटना के बाद जख्मी इमाम को उपचार के लिए गांव के ही कुछ लोगों द्वारा मारुती से बाहर ले जाया गया था. जिसके बाद पुलिस ने जख्मी की पहचान को लेकर एक टीम का गठन किया और विभिन्न थाना क्षेत्र में छापेमारी अभियान को तेज कर दिया. इसी बीच पुलिस को इमाम का मोबाइल नंबर बरामद हुआ. जिसके बाद पुलिस ने इमाम के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर डाल दिया. सर्विलांस पर पुलिस को पता चला कि इमाम का मोबाइल बौंसी बंधुवाकुरावा थाना क्षेत्र के फागा गांव के आस-पास में बंद हो गया है. इसके साथ और दूसरे लोगों का भी मोबाइल उसी के आस-पास में बंद हो गया है. जिस पर एसडीपीओ डीसी श्रीवास्तव ने संबंधित थानाध्यक्ष को अलर्ट करते हुए क्षेत्र में छापेमारी अभियान चलाने की बात कही. इसी बीच पुलिस की बढ़ती दवाब को देखकर मारूती चालक ने नाटकीय तरीके से करीब 4 बजे शाम में शव को गांव के बाहर एक घर के समीप फेंक कर फरार हो गया.
बम विस्फोट में जख्मी इमाम अब्दुल मोविन का जैसे ही नवटोलिया गांव शव पहुंचा कि पूरे गांव की महिला शव को देखने के लिए जमा हो गयी. वहीं झारखंड के सारठ से पहुंचे इमाम के भाई, चाचा व अन्य ग्रामीणों शव से लिपट कर रोने लगे. उधर नवटोलिया गांव की महिला व अन्य बच्चा भी इमाम के शव को देखकर दहाड़ मार कर रोने लगी. महिलाएं रोते हुए कह रही थी अब बच्चों को कौन पढ़ाऐंगा.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan