बिहार में फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी शुरू हो चुकी है. बांका में दो शिक्षकों पर गाज गिरी है. अमरपुर में एक शिक्षक को गिरफ्तार किया गया जबकि बौंसी के एक स्कूल की शिक्षिका को पुलिस ने फर्जीवाड़े से ली गयी नौकरी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. सूत्र बताते हैं कि अभी गिरफ्तारी का सिलसिला थमने वाला नहीं हैं. तीन दर्जन से अधिक शिक्षक रडार पर हैं जिन्होंने जाली डिग्री दिखाकर नौकरी ली है.
अमरपुर पुलिस ने थाना क्षेत्र के सादपुर पंचायत अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय कटहारा से एक फर्जी शिक्षक को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार शिक्षक भागलपुर जिला के सनोखर थाना क्षेत्र के एकचारी भाया सनोखर निवासी मधुकर कुमार राणा बताया जा रहा है. थानाध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस निरीक्षक विपिन कुमार के द्वारा नियोजित शिक्षकों की जांच की गयी. जांच के दौरान शिक्षक मधुकर राणा के दस्तावेज जाली पाए गए.
शिक्षक मधुकर राणा के द्वारा शिक्षक नियमावली में दिये बीएड के अंकपत्र को सत्यापन के लिए जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय भेजा. जहां से अंक पत्र फर्जी बताया गया. शिक्षक फर्जी प्रमाण पत्र के जरिये 2015 से उत्क्रमित मध्य विद्यालय कटहारा में पदस्थापित रहकर प्रतिमाह अपना वेतन प्राप्त कर रहा था. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस निरीक्षक के द्वारा दिये गये आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए उक्त शिक्षक को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया. फर्जी शिक्षक की गिरफ्तारी के बाद शिक्षकों में हड़कंप का माहौल व्याप्त है.
वहीं उत्क्रमित मध्य विद्यालय मनियारपुर में कार्यरत फर्जी शिक्षिका को भी गिरफ्तार किया गया. बंधुवाकुरावा थाना क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मनियारपुर से पुलिस ने एक फर्जी शिक्षिका सुप्रिया सिंह को गिरफ्तार किया है. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के द्वारा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.
शिक्षिका मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से बीएड के फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी ले चुकी थीं. सुप्रिया 2015 से यहां पर हिंदी शिक्षिका के रूप में कार्य कर रही थी.सूत्रों की माने तो अकेले बांका जिले में फर्जी प्रमाण पत्र पर 39 शिक्षक-शिक्षिका कार्य कर रहे थे. इनमें कई शिक्षकों पर केस दर्ज किया जा चुका है.
Published By: Thakur Shaktilochan