इस बार बिहार चुनाव 2020 में मतदाताओं के कंफ्यूजन से भरे तर्क और आश्वासन ने प्रत्याशियों का दिमाग घुमा दिया है. मसलन, मतदाताओं की चुप्पी और अजब-गजब सवाल से बड़े दल के प्रत्याशी भी गच्चा खा रहे हैं. दरअसल, इस विधानसभा चुनाव की जमीन विगत चुनाव से जुदा है. गठबंधन के बदलते स्वरुप ने निश्चित रूप से मतदाताओं को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है. विगत चुनाव की बात करें तो महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, जदयू एक साथ थी. जबकि एनडीए में भाजपा, लोजपा, रालोसपा, हम जैसी पार्टियां थी.
लोकसभा आते-आते गठबंधन में भारी बदलाव देखने को मिली. जदयू एनडीए में शामिल हो गयी. रालोसपा महागठबंधन का हिस्सा हो गयी. लेकिन, इस विधानसभा चुनाव में जहां प्रमुख दल महागठबंधन से रालोसपा और एनडीए से लोजपा अलग चुनावी मैदान में हैं. वहीं दूसरी ओर वीआइपी और हम एनडीए का हिस्सा बन चुकी है. मसलन, गठबंधन की नयी तस्वीर ने मतदाता और सियासी समीकरण पर गहरा असर डाला है.
लिहाजा, प्रत्याशी मतदाताओं को समझाते-समझाते थक जा रहे हैं. मतदाताओं के इस रुख को देखते हुए कोरोना काल में भी प्रचार अभियान तेज करने की कोशिश विभिन्न दल के माध्यम से जारी है. बांका में सर्वप्रथम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हेलीकॉप्टर से आकर सभा संबोधित कर चुनावी माहौल पर पुन: हेलीकॉप्टर का क्रेज चढ़ा दिया है. लिहाजा, तेजस्वी से लेकर कई बड़े दल के नेताओं का हेलीकॉप्टर यहां चुनाव प्रचार के लिए उतरने जा रहा है. जनता सभा-सम्मेलन से भी अधिक प्रभावित होती है. लेकिन, कोरोना काल में इसका दायरा सीमित हो गया है. नतीजतन, प्रत्याशियों की संकट और मेहनत दोनों बढ़ गयी है.
Also Read: Bihar Election 2020: पुष्पम प्रिया चौधरी का मास्टर स्ट्रोक ! इस ‘बाहुबली’ विधायक के सामने हाउसवाइफ को दिया टिकट
सभा की संख्या कम होने की वजह से प्रत्याशियों को पैदल मार्च कर खूब पसीना बहाना पड़ रहा है. एक-एक प्रत्याशी सुबह सूरज उगने से पूर्व प्रचार में निकलते हैं और रात 12 बजे के बाद ही बिस्तर पर आते हैं. गर्मी और मतदाताओं के तीखे सवाल से प्रत्याशियों को आकाश-पताल दिखने लगता है. देखा जा रहा है कि प्रत्याशी एक दिन में 15 से 20 किलोमीटर पैदल चल रहे हैं. इसके अलावा प्रचार का बड़ा जरिया सोशल मीडिया भी बन गया है. कमोबेश सभी प्रत्याशी फेसबुक पर पोस्ट पोस्ट करने के साथ सोशल मीडिया पर लाइव रहते हैं.
Posted By: Thakur Shaktilochan Shandilya