बरेली. देश के पूर्व पीएम राजीव गांधी की आज (21 मई) को 79 वीं जयंती मनाई जा रही है. कांग्रेसियों के साथ हर देश प्रेमी किसी को कंप्यूटर क्रांति के जनक राजीव गांधी के जाने का दुख है. भारत के युवाओं को 18 वर्ष की उम्र में मतदान का अधिकार देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी हत्या से 1 दिन पहले 20 मई को बरेली आए थे. उन्होंने कांग्रेसियों के साथ बैठक की थी. इसके बाद 10वीं लोकसभा के प्रचार के लिए शहर के विशप मंडल इंटर कॉलेज में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा की थी. इसके बाद बरेली की आंवला लोकसभा में कांग्रेस प्रत्याशी रमा देवी के समर्थन में जनसभा की. उन्होंने बरेली के लोगों से जल्द दोबारा लौट कर आने का वादा किया था. तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में 21 मई को जनसभा से पहले मानव के माध्यम से राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी.
पूर्व पीएम राजीव गांधी हत्या से एक दिन पहले बरेली में सफेद रंग का कुर्ता पायजामा पहनकर आए थे. इसके साथ ही उनके गले में मेहरून रंग का अंगोछा पड़ा था. राजीव गांधी के माथे पर तिलक लगा था. उनकी बरेली और आंवला की अंतिम जनसभा में काफी भीड़ थी. उनके जाने का दर्द आज भी बरेली के लोगों को है.
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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी अपनी मां पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ भी कई बार बरेली आए थे.कई बार बरेली के त्रिशूल एयरबेस से चेंजओवर भी किया था.इसके साथ ही कई बार बरेली में जनसभा करने आए थे.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद बरेली