Bareilly News: बरेली के अलीगंज में 07 वर्ष से बांग्लादेशी महिला पति के साथ रह रही थी. उसके बांग्लादेशी पति ने फर्जी आधार, जन्म और पैन कार्ड से पासपोर्ट भी बनवा लिया, लेकिन पुलिस और खुफिया टीमों को भनक तक नहीं लगी. बांग्लादेशी महिला की मां की अचानक तबीयत बिगड़ने से यह राज खुल गया. पुलिस ने भारत- बांग्लादेश बॉर्डर से सूचना आने के बाद रविवार को पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है.
आरोपियों के पास से फर्जी भारतीय आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड और पासपोर्ट समेत तमाम दस्तावेज बरामद हुए हैं. इसके साथ ही महिला ने 10 वीं पास भी कर ली. पुलिस ने बांग्लादेशी महिला और उसके पति के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की है.
दरअसल, बांग्लादेश के सतवीरा जनपद के श्याम नगर थाना क्षेत्र के मुंशी नगर मथुरापुर होरीपुरा निवासी विनती विवा से वर्ष 2015 में डॉक्टर समरेंद्र मंडल ने शादी की थी. वह उसको लेकर बरेली के अलीगंज कस्बे में किराए के मकान में रहने लगा. यहां उसने एक बेटे और बेटी को भी जन्म दिया. इसके साथ ही डॉक्टर पति ने बंगाली क्लीनिक के नाम से कस्बे में दुकान खोल ली. डॉ.समरेंद्र मंडल ने पत्नी और बच्चों के फर्जी आधार, पैन और जन्म प्रमाण तैयार करा लिए. इन फर्जी कागजों के सहारे भारतीय पासपोर्ट भी बनवा लिया, जबकि 2015 में विनती विवा बांग्लादेश के पासपोर्ट से वीजा लेकर आई थी.
मगर, इसके बाद भी बांग्लादेश में रहने वाले परिवार से फोन पर अक्सर बातचीत होती थी. कुछ दिन पूर्व मां की तबीयत बिगड़ने पर वह बांग्लादेश गई थी. मगर, इसी दौरान भारत-बांग्लादेश के हरदासपुर बॉर्डर पर फिंगर प्रिंट से बांग्लादेशी होने का खुलासा हुआ. उसके पास भारत और बांग्लादेश के पासपोर्ट थे. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बरेली पुलिस के उच्च अफसरों को मामले की जानकारी दी. इसके बाद जांच की गई. रविवार को पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है.
इनके खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने बताया कि डॉक्टर ने पत्नी के नाम घर बनवाने के लिए 150 गज जमीन का प्लॉट भी खरीदा लिया है. इसके साथ ही पुलिस अन्य संपत्ति की जांच में जुटी है .डॉ. समरेंद्र मंडल के भी बांग्लादेशी होने की बात सामने आ रही है. वह 2008 में बरेली आया था.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद