Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में मंगलवार शाम सरकार की नीतियों के खिलाफ बैंक कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में नारेबाजी की. इसके साथ ही सरकार की मनमानी बंद ना होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.
यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के आह्वान पर सैकड़ों बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों ने इंडियन ओवरसीज़ बैंक पर मंगलवार शाम पांच बजे एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने बैंकिंग लॉ एमेंडमेंट बिल वापस करने की मांग की.
यूपीबीयू के अध्यक्ष अनुराग ने कहा कि सरकार पूंजीपतियों के हाथों राष्ट्रीयकृत बैंकों को बेचने की नीयत से सरकारी हिस्सेदारी कम कर रही है. सरकार का यह कदम एक जनविरोधी कदम है. ट्रेड यूनियन फेडरेशन के महामंत्री संजीव मेहरोत्रा ने कहा कि आखिर सरकार सार्वजनिक बैंकों को निजी क्षेत्र में क्यों लाना चाहती है, जबकि आज़ादी के बाद से 700 से अधिक छोटे बड़े बैंक डूबे है या उनका राष्ट्रीयकृत बैंकों में विलय किया गया है. यह सिद्ध करता है कि सार्वजनिक बैंकों में ही देश की जनता का हित है. उनकी निधि सुरक्षित है. यही बैंक वास्तव में देश के नवरत्न है.
अधिकारी संघ के ओपी वडेरा ने सरकार की नीयत को गलत बताते हुये निजीकरण के बिल को तुरंत वापस करने की मांग की, अन्यथा आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी. फोरम के संयोजक दिनेश सक्सेना ने कहा कि निजी बैंकों का उद्देश्य तो मुनाफा कमाना होगा. गांवों और दुर्गम क्षेत्र की बैंक शाखाएं कभी भी बैंक निजीकरण के बाद बच नहीं पाएंगी. बैंकिंग सुविधा महंगी होगी. निजी बैंक से किसान,रिक्शा चालक,चाय, पकौड़े वालों और गरीबों को ऋण सुविधा नहीं मिलेगी. उनकी सूदखोरोंऔर महाजनों पर निर्भरता बढ़ेगी, शोषण बढेगा.
कर्मचारियों ने बीएल एग्रो में जहरीली गैस से मरने वाले कर्मचारियों को दो मिनट का मौन रखकर सांत्वना दी. प्रदर्शन में नावेंद्र कुमार, पीके माहेश्वरी, चरण सिंह यादव, बीडी सिंह, कुशल गर्ग, प्रवेश कुमार रमीज अली, आशीष शुक्ला, शेलेन्द्र, आलोक गुप्ता, मधु गोड आदि ने कर्मचारियों को संबोधित किया.
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(रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली)