Bareilly News: बरेली की तहसील नवाबगंज के एक लेखपाल ने सरकारी अभिलेखों में बड़ा खेल कर दिया है. लेखपाल ने ‘यमराज’ की भूमिका निभाते हुए जिंदा किसान को मारकर जमीन की वरासत (मालिक के मरने के बाद परिवार के अन्य लोगों के नाम पर संपत्ति) कर दी. मगर, सरकारी अभिलेखों में मृत किसान डीएम के समक्ष पेश हो गया. उसने डीएम को लेखपाल से ‘यमराज’ बनने वाले लेखपाल की दर्द भरी कहानी सुनाई. इससे डीएम का पारा चढ़ गया. डीएम ने एसडीएम को जांच कर जल्द रिपोर्ट देने को कहा है.
नवाबगंज के संपूर्ण समाधान दिवस में विकास खंड भदपुरा के गांव बबुरा-बूबूरी से रामसहाय अपने बेटे नन्हें लाल के साथ पहुंचे. रामसहाय ने समाधान दिवस में बताया कि, वह छह भाई थे. इसमें से तीन भाई ओमपाल, ख्याली राम और बाबूराम की मौत हो चुकी है. मगर, लेखपाल ने उन्हें भी सरकारी अभिलेखों में मार डाला.
पीड़ित ने बताया कि उनकी तीन बीघा जमीन मृतक भाई ओमपाल की पत्नी गेंदा देवी, उनके बेटे रूपलाल और चंद्रपाल के नाम पर दर्ज कर दी है. उन्होंने बताया कि वह वर्षो से सरकारी अभिलेखों में जिंदा होने के लिए लेखपाल और तहसील के चक्कर काट रहे हैं. मगर, जिंदा नहीं हो सके . कुछ समय पहले ओमपाल की पत्नी गेंदा देवी की मृत्यु हो गई. मगर, कोई सुनवाई नहीं हुई.
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डीएम ने बुजुर्ग का दर्द सुनकर एसडीएम नवाबगंज को तत्काल जांच कर रिपोर्ट मांगी है. इसके साथ ही डीएम ने समाधान दिवस में देरी से आने वाले बीडीओ नवाबगंज चन्द्र मोहन कन्नौजिया पर भड़क गए. बीडीओ को फटकार लगाने के साथ ही जवाब तलब किया है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद