18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

UP MLC Election Result: बरेली-रामपुर एमएलसी सीट भाजपा से पहले ही भीतरघात से हार गई थी सपा, जानें समीकरण

बरेली के मतदाता रामपुर में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने जा रहे थे. इसका असर यह हुआ कि रामपुर से मिलने वाले अधिकांश वोट भाजपा को ट्रांसफर हो गए. सिर्फ सपा को 4880 मतों में से 401 वोट ही मिल सके. सपा प्रत्याशी भी भीतरघात का अंदाजा लगा चुके थे.

Bareilly-Rampur MLC Seat: उत्तर प्रदेश स्थानीय प्राधिकरण (एमएलसी) की रामपुर-बरेली सीट पर भाजपा ने कब्जा किया है. मगर सपा यह सीट मतदान से पहले ही भीतरघात से हार गई थी. इसका अंदाजा चुनाव लड़ाने वालों से लेकर सियासी जानकारों तक हो गया था. इस कारण सपा का बेस वोट भी भाजपा प्रत्याशी की तरफ चला गया.

सपा नेता भाजपा से पहले ही सेट थे

हालांकि, इस सीट पर हमेशा सत्ताधारी पार्टी के प्रत्याशी का ही कब्जा रहा है. मगर इस बार सपा के बेस वोट यादव और मुस्लिम मतदाताओं के वोट ही जीतने की हैसियत में थे. इसके साथ ही कुर्मी और दलित वोट में सेंध लगाकर नैया पार की जा सकती थी. मगर सपा संगठन के पदाधिकारियों से लेकर कई नेता भाजपा से पहले ही सेट हो चुके थे. इसके चलते सपा नेताओं के ब्लॉक और नगर पालिका, नगर पंचायतों से भी सपा प्रत्याशी मशकूर अहमद मुन्ना को वोट नहीं मिले.

Also Read: UP MLC Election 2022: बरेली-रामपुर एमएलसी सीट पर खत्म हुआ BJP का वनवास, कुंवर महाराज सिंह ने रचा इतिहास
सपा के लिए यह हार नई नहीं

बरेली के मतदाता रामपुर में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने जा रहे थे. इसका असर यह हुआ कि रामपुर से मिलने वाले अधिकांश वोट भाजपा को ट्रांसफर हो गए. सिर्फ सपा को 4880 मतों में से 401 वोट ही मिल सके. सपा प्रत्याशी भी भीतरघात का अंदाजा लगा चुके थे. इसके चलते उन्होंने भी मजबूती से चुनाव नहीं लड़ा. वह दूसरों के खर्च पर चुनाव लड़ रहे थे. मगर सपा के लिए यह हार नई नहीं है. साल 2012 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्जकर सत्ता हासिल करने वाली सपा लगातार चुनाव हार रही है.

सीनियर दरकिनार, नए नवेलों के हाथ में पार्टी

सपा विपक्ष में सबसे मजबूत भूमिका निभाती थी. हर जाति-समाज का नेता था. उसका पार्टी में बड़ा सम्मान था. मगर नई सपा में पुराने दरकिनार हो गए हैं. प्रमुख जातियों के नेता तक नहीं हैं. संग़ठन भी नए नवेलों के हाथ में है, जो अपने बूथ ही नहीं जीता पा रहे हैं. वह प्रमुख पदों पर हैं.

Also Read: BJP से निष्कासित यशवंत सिंह और उनके निर्दलीय एमएलसी बेटे रिशु को पार्टी में शामिल कराने पहुंचे राजाभैया?
भीतरघातियों को सजा के बजाय पद

यूपी में इससे पहले के चुनाव में सपा के तमाम नेताओं ने भीतरघात किया था. यह रिपोर्ट हाईकमान तक है. मगर उन पर कार्रवाई के बजाय बड़े पदों से नवाजा गया है. यह पार्टी की महत्वपूर्ण मीटिंग की रिकॉर्डिंग के साथ ही दूसरी पार्टी के नेताओं को मोबाइल पर लाइव भी सुनवाते हैं.

सियासत बदली मैनेजमेंट में

वर्तमान सियासत पहले से काफी बदल गई है.सपा के पास नेताओ की लंबी फ़ौज है. मगर किससे क्या काम लेना है. यह जानकारी नहीं है. इसलिए सब खाली हैं, जो सिर्फ गुटबाजी करते हैं. प्रदेश से लेकर जिलों तक के संग़ठन में पुराने अनुभवी लोगों की जरूरत है. मगर यह सब खाली हैं. उन पर पद हैं, जो पार्टी से जोड़ने के बजाय वोट कम करने में लगे हैं. इन सपाइयों को चुनाव से पहले ही सत्ता आने का बुखार आ गया था.

रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें