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बरेली के सपाइयों का लखनऊ में डेरा, नामांकन में बचा मात्र एक दिन, फिर भी नहीं घोषित हुआ एक भी उम्मीदवार

समाजवादी पार्टी इस बार के विधानसभा चुनाव में जीत की दावेदारी कर रही है. बावजूद इसके बरेली की नौ में से एक भी सीट पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं हो पाई है. जिसके चलते नेता बागी बने हुए है.

Bareilly News: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) को लेकर सियासी गहमागहमी तेज हो चुकी है. सात चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे 10 मार्च को निकलेंगे. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) यूपी में 2022 में सरकार बनाने की कोशिश में है, लेकिन बरेली की नौ में से एक भी सीट पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं हो पाई है, जबकि, 21 जनवरी से नामांकन शुरू हो जाएंगे.

भाजपा ने सभी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. कांग्रेस चार और बसपा तीन सीट पर प्रत्याशी उतार चुकीं है, लेकिन उत्तर प्रदेश में अगली सरकार बनाने का दावा करने वाली सपा बगावत के खौफ में प्रत्याशी उतारने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है. जिसके चलते सपा के प्रमुख नेता और दाबेदारों ने लखनऊ में डेरा डाल दिया है. प्रमुख दावेदारों के साथ ही पूर्व विधायक, संगठन पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं के साथ ही समर्थक भी टेंशन में हैं.

हर किसी की निगाहें सपा प्रमुख अखिलेश यादव की घोषणा की ओर टिकी है, सोशल मीडिया पर कयासबाजी का दौर चल रहा है. मीडिया और सोशल मीडिया पर अपने-अपने नजदीकी प्रत्याशियों के टिकट घोषित कर माहौल बनाया जा रहा है.

सिंबल को भी नहीं आया बुलावा

नामांकन के लिए पार्टी सिंबल और फॉर्म की जरूरत होती है. दावेदारों ने नामांकन की तैयारी कर ली हैं, लेकिन सिंबल को लेकर भी कोई बुलावा दाबेदारों के पास नहीं आया है. अधिकांश दावेदार सिंबल लेने के लिए लखनऊ पहुंच गए हैं, लेकिन वहां किसी को कोई बुलावा नहीं है.

भाजपा प्रत्याशियों ने संभाला मोर्चा

भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. जिसके चलते इन प्रत्याशियों ने चुनावी कमान संभाली है. अपने नजदीकियों को जिम्मेदारी बांटने के साथ ही मतदाताओं के बीच कोविड-19 के नियमों के साथ चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. हालांकि नाम की घोषणा नहीं होने के चलते सपा के प्रत्याशी मैदान से गायब है.

सोशल मीडिया के प्रचार से भी गायब

समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी घोषित न होने के कारण सपा सोशल मीडिया के प्रचार से भी गायब हैं. शहर से लेकर जिले तक में सोशल मीडिया पर पार्टी का कोई प्रचार नजर नहीं आ रहा है, जबकि इस बार चुनाव आयोग ने रैली और सभाओं पर रोक लगा दी है. जिसके चलते डिजिटल प्रचार होना है. डिजिटल प्रचार में भी सपा कहीं नजर नहीं आ रही है.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद, बरेली

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