Bareilly News: समाजवादी पार्टी (SP) यूपी नगर निकाय और लोकसभा चुनाव से पहले संगठन मजबूत करने की कोशिश में जुट गई है. इसके लिए एक-एक नाम पर चर्चा हो रही है. बरेली के संगठन में भी बड़ा बदलाव होना तय माना जा रहा है. मगर, यह बदलाव 10 फरवरी के करीब होगा. इससे पहले राष्ट्रीय और प्रदेश कमेटियों का ऐलान करने की तैयारी है. इसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव को जगह मिलेगी.
शिवपाल सिंह यादव के पुत्र को फ्रंटल संगठन में जगह मिलेगी. इसके साथ ही दलित और ओबीसी नेताओं को बड़ी संख्या में संगठन में जिम्मेदारी देनी की तैयारी है. सपा के विश्वसनीय सूत्रों की मानें, तो प्रदेश कमेटी में पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव, पूर्व मंत्री अताउर्ररहमान, पूर्व विधायक विजय पाल सिंह को पद मिलने की उम्मीद है.
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का बेस वोट यादव, भाजपा की तरफ गया था. इसको रोकने के लिए बरेली में यादव नेता के हाथ में कमान दी जा सकती है. क्योंकि, पार्टी ने कई बार अन्य जातियों के नेताओं के हाथ में जिले की कमान दी. मगर, वह अपनी बिरादरी का वोट पार्टी से नहीं जोड़ पाए. इसका विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों को नुकसान भी हुआ है. इसलिए पार्टी अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है.
सपा संगठन के गठन और विस्तार को लेकर गंभीर है. इसको लेकर जिलों से गोपनीय रिपोर्ट लेनी शुरू कर दी गई है. सपा राष्ट्रीय और यूपी से लेकर जिलों तक में नए पदाधिकारियों के नाम का ऐलान करने की तैयारी में है.
सपा मुखिया अखिलेश यादव पार्टी का विस्तार देश के अन्य राज्यों में करना चाहते हैं. इसलिए नेशनल और स्टेट कोर्डिनेटर बनाने की कवायद शुरू हो गई है. बरेली के एक नेता को मध्यप्रदेश में जिम्मेदारी देने की तैयारी है.
सपा पर मुस्लिम नेता मुहम्मद आजम खां के साथ खड़े नहीं होने का आरोप है. इसके साथ ही विधायक शहजिल इस्लाम, नाहिद हसन और इरफान सोलंकी के मामलों में भी सिर्फ खानापूर्ति की बात कही जा रही है. इसलिए मुस्लिम लीडरशिप को भी बढ़ाया जाएगा. इसके लिए कवायद शुरू हो गई है.
सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव कुछ वर्षों से पार्टी से अलग थे. इसलिए पार्टी के नेताओं ने उनसे दूरी बना ली थी. मगर, अब फिर उनका कद बढ़ाने की तैयारी है. उनके और अखिलेश यादव के रिश्ते बेहतर हैं. इसलिए पार्टी नेता शिवपाल सिंह यादव से रिश्ते ठीक करने की फिराक में जुट गए हैं. उनके यहां हाजिरी देने के साथ ही उनके करीबी फरहत मियां के पास भी लखनऊ में स्थित दरगाह दादा मियां पर हाजिरी के बहाने जा रहे हैं.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद बरेली