बरेली : भारत कॉरिडोर में शामिल यूपी के बरेली वाया पीलीभीत और उत्तराखंड के सितारगंज हाईवे को फोर लेन किया जा रहा है. प्रस्तावित फोर लेन हाइवे की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इसके बाद किसानों को अधिग्रहण भूमि का मुआवजा बांटने का काम शुरू कर दिया गया है. 46 गांव के किसानों की भूमि ली गई है. इनमें 100 से अधिक किसानों को पिछले सप्ताह 66 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा बांटा जा चुका है. बाकी किसानों को भी मुआवजा देने की कवायद चल रही है. एनएचएआई अधिकारियों के मुताबिक करीब 80 फीसदी किसानों को अक्टूबर के अंत तक मुआवजा देने के बाद सड़क निर्माण शुरू कर दिया जाएगा.
सड़क निर्माण शुरू करने के लिए यूपी के मैनपुरी की आरसीएल कंपनी का टेंडर हो चुका है. इसके साथ ही वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने नई दिल्ली में आयोजित एक बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की कार्ययोजना को मंजूरी दे दी है. इसमें सड़क को फोर लेन करने के लिए पेड़ काटने और भरपाई के लिए दूसरे स्थान पर पौधे लगाने पर समझौता हो गया है. इस मार्ग के फोर लेन होने के बाद नैनीताल की दूरी काफी करीब हो जाएगी. बरेली की तरफ से जाने वाले राहगीरों को किच्छा और हल्द्वानी होकर नैनीताल जाना पड़ता है. मगर, इस हाइवे के फोरलेन बनने से बरेली से सितारगंज होकर हल्द्वानी जा सकते हैं. हल्द्वानी शहर में बिना घुसे बाईपास से काठगोदाम और नैनीताल जा सकेंगे. इससे नानकमत्ता का सफर भी आसान हो जाएगा. फोरलेन हाईवे की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा रखी गई है. यहां सितंबर 2025 तक वाहन दौड़ने लगेंगे.
बरेली वाया पीलीभीत-सितारगंज फोरलेन में आठ स्थानों पर आबादी के बीच से बाईपास बनाकर वाहनों को रफ्तार दी जाएगी.इस मार्ग का चौड़ीकरण 2023 में शुरू होकर सितंबर 2025 तक पूरा होना है.टेंडर प्रक्रिया के साथ ही चौड़ीकरण में आने वाले पेड़ कटने की पूरी हो गई है.इसमें बरेली से मुड़िया अहमनदगर के निकट रिठौरा में पहला बाईपास (4.4 किलोमीटर), सेंथल में हाफिजगंज-नवाबगंज बाईपास (12.3 किलोमीटर), पीलीभीत जिले में जहानाबाद बाईपास (13.92 किलोमीटर), अमरिया बाईपास (3.90 किलोमीटर), बढ़ेरिया बाईपास (2.6 किलोमीटर), नकटपुरा बाईपास (1.2 किलोमीटर), मलपुरी बाईपास (2.7 किलोमीटर) का बनेगा.
बरेली-सितारगंज फोरलेन 71 किमी लंबा होगा.यह टुलेन 10 मीटर लंबा है, जो 23 मीटर चौड़ा होगा.एक सड़क 9 मीटर चौड़ी होगी.इसमें बीच में 5 मीटर चौड़ा डिवाइडर होगा.डिवाइडर में पौधे लगेंगे.इसको फोरलेन किया जाएगा.इसकी लागत 2857 करोड़ रूपये आएगी. इसमें बरेली में 27.750, पीलीभीत में 30.650 और ऊधम सिंह नगर में 12.40 किमी है.
रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद, बरेली