बरेली. उत्तर प्रदेश के बरेली में स्मैक तस्करों से पुलिसकर्मियों को सौदेबाजी काफी महंगी पड़ है. एसएससी प्रभाकर चौधरी ने मंगलवार को एक दरोगा और दो सिपाही को सस्पेंड किया. इसके साथ ही मामले की जांच शुरू करा दी. एसएसपी की कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. इससे पहले भी एसएसपी की कार्रवाई की गाज एक सिपाही पर गिर चुकीं है. उस सिपाही पर एक स्टूडेंट ने मोबाइल पर अश्लील वीडियो और कमेंट्स भेजने का आरोप लगाया था. जांच में आरोप सही मिले. इसके बाद कार्रवाई की गई थी.
बरेली के थाना बिथरी चैनपुर में तैनात सब इंस्पेक्टर (दरोगा) राजेंद्र सिंह, इज्जत नगर थाने के सिपाही राहुल कुमार और बारादरी थाने में तैनात सिपाही दीपक कुमार पर स्मैक तस्करों को पकड़कर छोड़ने के लिए सौदेबाजी करने तथा सौदेबाजी सफल न होने पर स्मैक तस्करों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई कर अपने दायित्वों के विपरीत कार्य कर कर्तव्य पालन के प्रति घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता, उदण्डता, स्वेच्छाचारिता एवं कदाचार का परिचय दिया है. जिसके चलते तीनों पुलिस कर्मियों को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दण्ड एवं अपील) नियमावली 1991 के नियम 17(1) (क) के प्राविधानों के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से सस्पेंड (निलंबित) किया गया. इसके साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी गई है.
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बरेली में स्मैक तस्करों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत कई बड़े स्मैक तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर उनकी संपत्ति को भी सील किया जा चुका है. इसमें इसके साथ ही गुंडा एक्ट और गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जा चुकी है. स्मैक तस्करों ने करोड़ों रुपए की लागत से कोठियां बनाई थी. इन कोठियों को भी बुल्डोजर से गिराया जा चुका है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद बरेली