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BJP Politics: केशव मौर्य का कद बढ़ने की चर्चा, केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव के बाद खुलेगी किस्मत, ये हे वजह..

केशव प्रसाद मौर्य को भाजपा ओबीसी वर्ग के बड़े चेहरे के तौर पर राष्ट्रीय राजनीति में ला सकती है. राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में जिस तरह से प्रस्ताव का अनुमोदन केशव मौर्य ने पढ़ा, उसके बाद से इसकी चर्चा तेज हो गई है. मोदी कैबिनेट के विस्तार की चर्चाओं में केशव प्रसाद मौर्य का नाम भी रेस में आगे है.

Bareilly: उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का पार्टी और सरकार में कद बढ़ने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. यह चर्चा पिछले दिनों भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में केशव प्रसाद मौर्य से प्रस्ताव का अनुमोदन कराए जाने के बाद से शुरू हुई है. पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रीमंडल में बजट से पहले यानी फरवरी में बदलाव हो सकता है. इसलिए डिप्टी सीएम का प्रमोशन यूपी से दिल्ली होने की उम्मीद जताई जा रही है.

चुनाव हारने के बावजूद बनाए गए डिप्टी सीएम

इससे पहले 29 मई 2021 को लखनऊ में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने भी कद बढ़ाने का इशारा किया था. इसके बाद भी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का कद बढ़ने की उम्मीद जताई गई थी. केशव विधानसभा चुनाव में सिराथू विधानसभा से सपा गठबंधन की कैंडिडेट पल्लवी पटेल से चुनाव हार गए थे. मगर, इसके बाद भी उन्हें डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी दी गई. इसके बाद एमएलसी बनाया गया. केंद्रीय मंत्रीमंडल में बदलाव की चर्चा के बीच मंत्री हरदीप पुरी और नितिन गडकरी समेत 9 मंत्री बदलने की चर्चा है.

बड़े ओबीसी चेहरे के रूप में प्रमोट करने की तैयारी

विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान केशव प्रसाद मौर्य यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे. उनके नेतृत्व में पार्टी ने 300 से अधिक सीट जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी. इसके बाद उनका कद भी बढ़ा. फूलपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा दिलाकर यूपी में डिप्टी सीएम बनाया गया. अब उनको ओबीसी चेहरे के रूप में प्रमोट करने तैयारी चल रही है. उनको संगठन के साथ ही सरकार में बड़ा पद देने की चर्चा है.

इनका भी बढ़ सकता है कद

भाजपा में योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार में डिप्टी सीएम रहे दिनेश शर्मा, पूर्व मंत्री एवं मथुरा विधानसभा सीट से विधायक श्रीकांत शर्मा और आंवला लोकसभा सीट से सांसद धर्मेंद्र कश्यप का भी कद बढ़ाने की चर्चा है.

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केशव मौर्य का सियासी इतिहास

एक इंटरव्यू में केशव प्रसाद मौर्य ने बताया था कि वह बचपन में सुबह अखबार बेचते थे. इसके बाद फिर पिता श्यामलाल के साथ चाय बेचने में सहयोग भी करते थे. वह इस दौरान संघ की शाखाओं में भी जाते थे. उनको अशोक सिंघल ने विश्व हिंदू परिषद में काम करने का मौका दिया. बीस वर्षों तक विश्व हिंदू परिषद में काम करने के दौरान श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में भी भाग लिया.

2004 में लड़ा पहला चुनाव

केशव मौर्य ने पहला चुनाव 2004 में बाहुबली अतीक अहमद की प्रभाववाली सीट इलाहाबाद पश्चिम से लड़ा. वर्ष 2004 और 2007 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद केशव ने 2012 के चुनाव में कौशांबी की सिराथू सीट से किस्मत आजमाई और उन्होंने इस सीट पर पहली बार कमल भी खिलाया. 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ा और फूलपुर से सांसद बने. इसके बाद प्रदेश में पार्टी अध्यक्ष के तौर पर काम किया.

प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर मिली सफलता

केशव मौर्य की कुशल संगठनात्मक क्षमता ही थी कि उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए सभी पिछड़ों जातियों को भाजपा की तरफ लामबंद किया. वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रदेश में बंपर जीत हासिल हुई. इसके बाद डिप्टी सीएम बने. वह 2022 में विधानसभा चुनाव हार गए. मगर, इसके बाद भी पार्टी ने उन्हें डिप्टी सीएम बनाया है.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद बरेली

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