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UP नगर निकाय के दावेदारों की आरक्षण पर टिकी निगाह, जानें कब जारी होगी नए आरक्षण की सूची

UP नगर निकाय के दावेदारों की निगाह आरक्षण पर टिकी हुई है. हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को ट्रिपल सी फार्मूले पर कराने को लेकर 27 दिसंबर, 2022 को रोक लगा दी. अब पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के बाद नए सिरे से निकायों का आरक्षण हो रहा है.

बरेली. उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2023 के चुनाव को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है. इसके बाद 30 मार्च तक नया आरक्षण जारी होने की उम्मीद है. बरेली की 20 नगर निकाय के दावेदारों की नए आरक्षण पर निगाह लगी है. हर किसी को मन मुताबिक आरक्षण होने की उम्मीद है. जिसके चलते एक बाद फिर मंगलवार से दावेदार मतदाताओं के बीच जाने लगे हैं. बरेली नगर निगम मेयर सीट एससी-ओबीसी के लिए आरक्षित होने की उम्मीद है. क्योंकि यह सीट लंबे समय से सामान्य जाति (अनारक्षित) है. इस बार भी चुनाव से पहले बरेली की मेयर सीट अनारक्षित की गई थी.

कुछ दावेदारों को नए आरक्षण से लगेगा झटका

हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को ट्रिपल सी फार्मूले पर कराने को लेकर 27 दिसंबर, 2022 को रोक लगा दी. अब पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के बाद नए सिरे से निकायों का आरक्षण हो रहा है. इसमें बरेली की मेयर सीट के साथ ही नगर पालिका, नगर पंचायत अध्यक्ष पद, वार्ड के पार्षद, और सभासद पद का आरक्षण बदलना तय है. नया आरक्षण आने के बाद कुछ दावेदारों को बड़ा झटका लगना भी तय है.यह काफी समय से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. जिसके चलते पिछले आरक्षण के तहत चुनावी तैयारी करने वाले दावेदार शांत आरक्षण जारी होने के इंतजार में खामोश बैठ गए हैं.

एक बार भी रिजर्व नहीं हुई नगर निगम, लेकिन अब उम्मीद

बरेली नगर निगम मेयर सीट एक बार भी एससी के लिए रिजर्व (आरक्षित) नहीं हुई है. पिछली बार आगरा नगर निगम की मेयर सीट को एससी महिला के लिए रिजर्व किया गया था. यह वर्ष 2007 में भी एससी थी, जो अब एससी महिला हो गई. झांसी एससी के लिए, मथुर वृंदावन ,अलीगढ़ अन्य पिछड़ा वर्ग महिला, मेरठ और प्रयागराज नगर निगम मेयर सीट पिछड़ा वर्ग के लिए, अयोध्या सहारनपुर और मुरादाबाद महिला के लिए आरक्षित हुई थीं. जबकि, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर वाराणसी , बरेली और शाहजहांपुर अनारक्षित हुई थीं. हालांकि, 2017 के नगर निकाय चुनाव में मेरठ एससी महिला के लिए रिजर्व थी. जबकि, मथुरा वृंदावन एससी के लिए फिरोजाबाद, वाराणसी, पिछड़ा वर्ग महिला, सहारनपुर और गोरखपुर पिछड़ा वर्ग, लखनऊ, कानपुर नगर और गाजियाबाद महिला के लिए आगरा, इलाहाबाद, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी और फैजाबाद अनारक्षित थीं. इन्हीं कारणों से बरेली नगर निगम की मेयर सीट एससी-ओबीसी जाति के लिए आरक्षित होने की उम्मीद है.

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वार्ड आरक्षण में भी बदलाव तय

बरेली नगर निगम के 80, नगर पालिका नवाबगंज, फरीदपुर,आंवला और बहेड़ी के 100, 15 नगर पंचायत के 192 वार्ड का आरक्षण जारी कर दिया गया था. मगर, अब इसमें में बड़ा बदलाव होगा. नगर निगम के 80 वार्ड में से 45 वार्ड आरक्षित, जबकि 35 वार्ड सामान्य, पिछड़ी जाति के लिए 14 वार्ड, अनुसूचित जाति के लिए 04 वार्ड, महिलाओं के लिए 18, पिछड़ी जाति महिला के लिए 07 और अनुसूचित जाति की महिला के लिए 02 वार्ड आरक्षित थे. नगर निगम का वार्ड एक विहारीपुर सिविल लाइंस पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित, अनुसूचित महिला के लिए वार्ड तीन छोटी बिहार और वार्ड पांच नेकपुर था. इसके साथ ही अनुसूचित जाति के लिए वार्ड 7, 10, 11 और वार्ड 12 था.

बरेली की निकाय में यह था आरक्षण

नगर निगम की मेयर सीट अनारक्षित हो गई थी. यह पहले भी अनारक्षित थी. इसके साथ ही नगर पालिका फरीदपुर और बहेड़ी का चेयरमैन पद भी अनारक्षित था, जबकि नगर पालिका आंवला और नवाबगंज महिला के लिए रिजर्व की गई. नगर पंचायत फरीदपुर, बिशारतगंज, धौराटांडा, रीछा, शेरगढ़, रिठौरा महिला, देवरनिया, ठिरिया निजावत खां, शीशगढ़, सेंथल, फतेहगंज पूर्वी, सिरौली, फतेहगंज पश्चिमी, मीरगंज और शाही का चेयरमैन पद अनारक्षित.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली

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