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बरेली में मासूम बेटी की गवाही से पिता की हत्या करने वाली मां और उसके प्रेमी को उम्रकैद, जानें पूरा मामला

बरेली में एक 6 वर्षीय मासूम बेटी की गवाही पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने उसके पिता की हत्या करने वाली मां और महिला के प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दोनों आरोपियों पर 20-20 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

बरेली. उत्तर प्रदेश के बरेली में एक 6 वर्षीय मासूम बेटी की गवाही पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने उसके पिता की हत्या करने वाली मां और महिला के प्रेमी को आजीवन (उम्रकैद) की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दोनों आरोपियों पर 20-20 हजार का जुर्माना भी लगाया है. पीड़ित बेटी को यह न्याय सिर्फ 372 दिन में मिला है. शहर के सुभाषनगर थाना क्षेत्र की वैष्णो धाम कालोनी निवासी संजय गुप्ता, पत्नी ज्योति और बच्चों के साथ रहते थे. अतिरिक्त जिला सरकारी वकील (एडीजीसी), सचिन जायसवाल ने मीडिया को बताया कि 34 वर्षीय छोटे व्यवसायी संजय गुप्ता अपनी पत्नी 31 वर्षीय ज्योति और बेटी निशि के साथ बरेली शहर में रहते थे.

मासूम बेटी निशि ने बतायी घटना की कहानी

पिछले वर्ष 2 जून को ज्योति ने अपने देवर दिनेश गुप्ता को बताया कि संजय की नींद में मौत हो गई है. संजय के घर पहुंचने पर दिनेश और उसके पिता को शरीर पर चोट के कुछ निशान मिले. मासूम बेटी निशि ने अपने चाचा और दादा को बताया कि उसके पिता को बरेली निवासी मोहम्मद अब्बास नाम के एक व्यक्ति की मदद से उसकी मां ने ‘दुपट्टे’ से गला घोंट दिया था. पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा. इसमें संजय की हत्या की पुष्टि हुई. हालांकि, आरोपी ने संजय को मारने से इंकार किया. लेकिन निशि ने अपने कमरे की खिड़की से अपराध देखने की बात कही थी. वह अदालत के सामने अपने बयान पर कायम रही. उसने बताया कि कैसे उसके पिता जो सो रहे थे. उनकी मां और अब्बास ने हत्या कर दी थी.

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उम्रकैद की सजा के साथ 20-20 हजार रुपए का जुर्माना

मासूम बेटी निशि ने यह भी बताया कि अब्बास ने कैसे मारा. एडीजीसी ने कहा, जब वह उठा और विरोध करने की कोशिश की तो उसे छड़ी से मारा. इसके बाद संजय बेहोश हो गया. और फिर दोबारा नहीं उठा. मृतक की बेटी ने कोर्ट को यह भी बताया कि अब्बास अक्सर पिता की गैरमौजूदगी में मां से घर पर मिला करता था. इससे अनुमान लगाया गया कि संजय गुप्ता की हत्या उसकी पत्नी ने अवैध संबंधों के पता चलने पर की थी. इस हत्याकांड में बेटी की गवाही ने उम्रकैद सजा में मुख्य भूमिका निभाई है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए माननीय न्यायाधीश तबरेज अहमद ने दोनों आरोपियों को 20-20 हजार रुपए के जुर्माना के साथ उम्रकैद की सजा सुनाई.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद बरेली

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