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बरेली नगर निगम बोर्ड का कल समाप्त हो जाएगा कार्यकाल, प्रशासनिक अफसर संभालेंगे कमान, जानें क्या आएंगी समस्या

UP Nagar Nikay Chunav 2023: बरेली नगर निगम बोर्ड का 23 जनवरी यानी सोमवार को अंतिम दिन है. इस बोर्ड का कल यानी सोमवार को कार्यकाल खत्म हो जाएगा. इसके बाद नगर निगम में प्रशासनिक व्यवस्था लागू हो जाएगी.

Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली नगर निगम बोर्ड का 23 जनवरी यानी सोमवार को अंतिम दिन है. इस बोर्ड का कल यानी सोमवार को कार्यकाल खत्म हो जाएगा. इसके बाद नगर निगम में प्रशासनिक व्यवस्था लागू हो जाएगी. पार्षदों का कहना है कि बोर्ड खत्म होने के बाद वार्ड में होने वाले विकास कार्य प्रभावित होंगे. इसके साथ ही साफ सफाई और जनता की समस्याओं का समय से निस्तारण नहीं हो पाएगा. जिसके चलते शहर के लोगों को काफी दिक्कत होगी.

बरेली में सोमवार से लागू होगी प्रशासनिक व्यवस्था

यूपी में हाईकोर्ट के फैसले के बाद नगर निकाय चुनाव कई महीनों के लिए टल गए हैं, जिसके चलते बरेली की 4 नगर पालिका और 15 नगर पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो गया है. यहां प्रशासनिक व्यवस्था लागू हो चुकीं हैं. मगर, बरेली नगर निगम में सोमवार से प्रशासनिक व्यवस्था लागू होगी.

संचालन के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित

शासनादेश के मुताबिक, बरेली नगर निगम बोर्ड का कार्यकाल पूरा होने पर संचालन के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है. समिति के डीएम अध्यक्ष,नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स एवं मुख्य कोषाधिकारी पारसनाथ गुप्ता को।सहयोगी के रूप में नामित किया गया है.इसके साथ ही नगर पालिका, और नगर पंचायत में एडीएम ई, एसडीएम,ईओ रहेंगे.

यहां पहले ही खत्म हुआ कार्यालय

बरेली की नगर पालिका आंवला बोर्ड का कार्यकाल पिछले साल 23 दिसंबर, बहेड़ी बोर्ड का 6 जनवरी, फरीदपुर का 7 जनवरी, नवाबगंज 17 जनवरी, नगर पंचायत फरीदपुर बोर्ड का कार्यकाल पिछले साल 18 दिसंबर, रिठौरा का 31 दिसंबर, रिछा का 14 दिसंबर, नगर पंचायत विशारतगंज, मीरगंज, ठिरिया निजावत खां, सिरौली, फतेहगंज पश्चिमी, शेरगढ़, शाही, धौराटांडा और देवरनिया का 6 जनवरी, फतेहगंज पूर्वी का 7 जनवरी, शीशगढ़ का 5 जनवरी को कार्यकाल पूरा हो चुका है.

ऐसे बढ़ेगी जनता की दिक्कत

नगर पंचायत, नगर पालिका अध्यक्ष, नगर निगम के मेयर (महापौर),और सभासद/पार्षद के कार्यकाल खत्म होने के बाद विकास कार्य प्रभावित होना तय हैं. ये चिंता लोगों में भी आई है. उनके वार्ड में हो रहे विकास कार्य ठप पड़ जाएंगे. अगर, उनके वार्ड में धनराशि आवंटित हो गई है तो नाली, खड़ंजा, सीवर लाइन, पाइप लाइन आदि का कार्य नए नगर निकाय चुनाव तक पूरा होगा या नहीं. निकायों के ठेकेदारों में भी यह डर है. विकास कार्यों के लिए मिलने वाली राशि कहीं, लंबे समय के लिए अटक तो नहीं जाएगी.

इसलिए टल गए चुनाव

हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को लेकर करीब 89 याचिकाओं पर सुनवाई की थी.27 दिसंबर को हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण में ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया का अनुपालन करने के निर्देश दिए थे. जिसके चलते सरकार ने पांच सदस्यीय आय़ोग गठित किया है. आयोग ने मंडलवार ओबीसी जनसंख्या, और चुनाव लड़ने वाले कैंडिडेट की रिपोर्ट मंगानी शुरू कर दी है.

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रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली

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