बरेली. उत्तर प्रदेश के बरेली में नगर निकाय चुनाव का मतदान दूसरे चरण यानी 11 मई को है. भाजपा, सपा, कांग्रेस, बसपा आदि सभी सियासी दल निकाय चुनाव को जीतने की कोशिश में जुटे हैं. मगर, मतदान से पहले बरेली में भाजपा का कैंपेन सॉन्ग भी आ गया है. भाजपा के कैंपेन सॉन्ग (चुनाव प्रचार गाना) में सपा के विधानसभा चुनाव 2022 में लांच किया गया था. इस कैंपेन सॉन्ग को एडिट किया गया है. भाजपा के कैंपेन सॉन्ग में ‘गुंडे पुकारते हैं अखिलेश आइए’. हालांकि, इसको भाजपा के ऑफिशियल टि्वटर हैंडल से ट्वीट किया गया है. भाजपा ने कैंपेन सॉन्ग के सहारे सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. इसमें मुजफ्फरनगर दंगों, महिलाओं के खिलाफ अपराध, माफिया अतीक, मुख्तार और गायत्री प्रजापति का भी फोटो के साथ जिक्र किया है. इस सॉन्ग को बरेली में सोशल मीडिया के माध्यम से मतदाताओं तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है.
इस सॉन्ग में ‘गुंडे पुकारते हैं अखिलेश आइए, दंगों में फिर यूपी को वापस लाइए. यूपी को जिसने लूटा, वो नेता, तुम्हीं तो थे. जेपी के सपने तोड़ दिए. वह बेटा तुम्हीं तो थे, एक बार फिर से टोटी चुराइए. गुंडे पुकारते हैं अखिलेश आइए’
भाजपा ने अतीक और मुख्तार के बहाने सपा पर निशाना साधा है. एक तरफ पिछले दिनों अतीक-अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में हत्या हो गई थी. इस मामले में जांच चल रही है, तो वहीं भाजपा नगर निकाय चुनाव में जनता के बीच में इस कैंपेन सॉन्ग के माध्यम से समर्थन हासिल करने में जुटी है. इस सॉन्ग के माध्यम से जनता को यह समझाने की कोशिश की गई है कि अपराधियों और माफियाओं को सपा सरकार में सुरक्षा और संरक्षण मिलता था. उत्तर प्रदेश में बड़े बड़े अपराधियों का उदय सपा के संरक्षण में ही हुआ है.
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भाजपा का एडिट कैंपेन सॉन्ग 4 मिनट का है. इसको लेकर सपाइयों ने नाराजगी जताई है. सपा के महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी ने एडिट सॉन्ग पर रोक लगाने की मांग की है. इसके साथ ही निर्वाचन अधिकारी से शिकायत करने की तैयारी है. इसकी जानकारी सपा हाईकमान को भी दी गई है. इससे यह मामला लखनऊ निर्वाचन आयोग तक जाने की उम्मीद जताई जा रही है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली