Bareilly : इंडिया (भारत) के युवाओं को 18 वर्ष की उम्र में मतदान का अधिकार देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडू के श्रीपेरंबदूर में मानव बम के माध्यम से हत्या कर दी गई थी. आज उनकी 78 जयंती मनायी जा रही है. वह 10 वीं लोकसभा के चुनाव के प्रचार को गए थे. मगर, संचार और कम्प्यूटर क्रांति के जनक राजीव गांधी ने एक दिन पहले (20 मई) के दिन बरेली में जनसभा की थी. उन्होंने कांग्रेसियों के साथ चुनावी बैठक की. इसके बाद शहर के सिविल लाइंस में स्थित बिशप मंडल इंटर कॉलेज में जनसभा के बाद हेलीकॉप्टर से आंवला चले गए थे.
बरेली की आंवला लोकसभा में कांग्रेस प्रत्याशी रमा कश्यप के लिए जनसभा कर वोट मांगे थे. उन्होंने जनता से दोबारा लौटकर आने का वायदा किया था. मगर, अगले दिन बम ब्लास्ट में उनकी हत्या कर दी गई. इससे बरेली के लोगों को बड़ा सदमा लगा था, जिसका जख्म आज भी कायम है. कांग्रेस नेता महताब अहमद खां बताते हैं कि उस वक्त युवा कांग्रेस में थे. राजीव गांधी ने 20 मई 1991 की चिलचिलाती धूप वाली दोपहरी में जनसभा की थी. वह करीब एक बजे बरेली पहुंचे. यहां उन्होंने कांग्रेसियाें के साथ बैठक की. इसके बाद कुछ देर फ्रेश होने के बाद बरेली के बिशप मंडल इंटर कालेज से हेलीकॉप्टर में बैठकर आंवला को चले गए थे. उनकी आंवला में जनसभा शुरू हुई तो, लोगाें का हुजूम जुट गया. वह मैहरून रंग का अंगोछा, सफेद रंग का कुर्ता पहने थे.राजीव गांधी के माथे पर तिलक लगा था.
उनके भाषणों से दोपहर की गर्मी में भी जनसभा में जुटी भीड़ में जोश आ गया था. उन्होंने जनता से कांग्रेस प्रत्याशी रमा कश्यप को जीत दिलाने का आह्वान किया था. इसके साथ ही फिर आने का वादा किया, लेकिन अगले ही दिन उनकी हत्या की मनहूस खबर सुनकर लोग गमजदा हो गए थे. महताब अहमद खां बताते हैं कि, उनके जाने का दर्द आज भी कायम है.अगर, वह होते तो देश 20 वर्ष पहले ही हकीकत में विश्व शक्ति होता. उन्होंने पंचायती राज्य व्यवस्था को लागू किया था. इसके बाद ही शहर के साथ ही गांवों का विकास शुरू हुआ था.
वर्ष 1991 भारत के लिए काफी उथल पुथल भरा रहा था. मई के महीने में देश में आम चुनाव हो रहे थे. करीब आधी सीटों पर मतदान हो चुका था. फिर 21 मई के दिन हुई एक घटना ने काफी कुछ बदल दिया. इस दिन तमिलनाडु में राजीव गांधी की एक आत्मघाती बम धमाके में मौत हो गई थी. 32 वर्ष बाद भी यह हादसा चर्चा का विषय है.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद