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UP Chunav 2022: बरेली के तीन विधायकों का जब मुलायम सिंह यादव ने एक साथ काट दिया था टिकट, जानें किया थी वजह

सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने 1996 के विधानसभा चुनाव में तीन विधायकों के टिकट काट दिए थे.

Bareilly News: सपा संरक्षक और पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव ने पार्टी (सपा) का चार अक्टूबर 1992 को गठन किया था. मगर, वह चार महीने बाद ही 1993 के विधानसभा चुनाव में उतर गए. यूपी की 12वीं विधानसभा चुनाव में बरेली की नौ में से सात सीट पर जीत दर्ज कर बसपा के सहयोग से सरकार भी बनाई.

बरेली में कौन, कहां से बना था विधायक

इस चुनाव में बरेली कैंट से प्रवीण सिंह ऐरन, फरीदपुर से सियाराम सागर, आंवला से महिपाल सिंह यादव, कांवर (मीरगंज) से शराफत यार खां, भोजीपुरा से हरीश कुमार गंगवार, बहेड़ी से मंजूर अहमद, सन्हा (बिथरी चैनपुर) से कुंवर सर्वराज सिंह विधायक बने थे.

तीनों विधायकों के जब काट दिए टिकट

इस चुनाव में सिर्फ नबाबगंज से मास्टर छोटेलाल गंगवार और शहर सीट पर सपा-कांग्रेस गठबंधन के अनिल सक्सेना एडवोकेट की हार हुई थी, लेकिन चुनाव जीतने के बाद इसमें से कैंट विधायक प्रवीण सिंह ऐरन ने पार्टी से 1995 में बगावत कर दी. वह बसपा में मंत्री बन गए थे, जबकि फरीदपुर सुरक्षित सीट से विधायक सियाराम सागर ने राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग की. मीरगंज के विधायक शराफत यार खां के उस समय के जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव से रिश्ते बेहतर नहीं थे, जिसके चलते नेताजी ने तीनों विधायकों के 1996 विधानसभा चुनाव में टिकट काट दिए.

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नेताजी ने बरेली कैंट से प्रवीण सिंह ऐरन की जगह अशफाक अहमद एमएलए को और फरीदपुर में सियाराम की जगह भाजपा के नंदराम को टिकट दिया. इस चुनाव में अशफाक अहमद एमएलए और नंदराम चुनाव जीत गए, जबकि मीरगंज में विधायक शराफत यार खां की जगह सुल्तान बेग को मौका दिया गया. मगर, वह यह चुनाव हार गए.

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13वीं विधानसभा चुनाव में सपा को सिर्फ तीन सीट

हालांकि, अगले चुनाव में जीत दर्ज कर लगातार तीन बार चुनाव जीते.13वीं विधानसभा चुनाव में सपा को सिर्फ तीन ही सीट मिलीं थीं. वह सात की बजाय मात्र तीन सीट पर ही सिमट गए. मगर, इस चुनाव में मास्टर छोटेलाल गंगवार ने भाजपा के भगवत शरण गंगवार को हराया था.

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अगले चुनाव में काट दिए तीनों विधायकों के टिकट

नेताजी मुलायम सिंह यादव ने 1996 के बाद 2002 के चुनाव में तीनों विधायक के टिकट काट दिए. इस चुनाव में नबावगंज में मास्टर छोटेलाल गंगवार से चुनाव हारने वाले भगवत शरण गंगवार को टिकट दिया. फरीदपुर में नंदराम से हारने वाले सियाराम सागर को और बरेली कैंट में अशफाक अहमद एमएलए की जगह उनके पोते शहजिल इस्लाम को समर्थन किया. यह तीनों ही चुनाव जीत गए. इसके साथ ही मीरगंज में सुल्तान बेग और बहेड़ी में मंजूर अहमद भी चुनाव जीत गए.13वीं विधानसभा चुनाव में बरेली को नौ में से पांच सीट मिलीं थीं.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद

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