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UP Politics: बरेली मंडल के तीन BJP सांसदों के टिकट पर मंडराया खतरा, पार्टी सर्वे में पाए गए कमजोर, जानें डिटेल

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भाजपा सांसदों के लिए एक बार फिर टिकट हासिल करना आसान नहीं होगा. पार्टी चुनाव मैदान में उन्हें उतारने से पहले विभिन्न बिंदुओं को लेकर आंतरिक सर्वे करा रही है, जो टिकट हासिल करने का अहम मापदंड है. इस आधार पर बरेली में तीन सांसदों का टिकट कटने की चर्चा है.

Bareilly: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी दल तैयारियों में जुटे हैं. हर किसी की निगाह यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर लगी है. भाजपा की बात करें तो पार्टी सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने के लिए रणनीति पर काम कर रही है. इसे लेकर एक-एक सीट का सर्वे किया जा रहा है. सर्वे में वर्तमान सांसद अगर लड़ाई में पिछड़ते पाए जाते हैं, तो उनका टिकट कटना तय माना जा रहा है. सांसदों को टिकट हासिल करने से पहले कई परीक्षाओं से गुजरना पड़ेगा.

लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा गठबंधन ने यूपी में 64 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसमें बरेली मंडल की सभी 5 सीटों पर कब्जा जमाया था. मगर, इस बार पांच में से तीन सांसदों के टिकट कटना तय माना जा रहा है.

सियासी सूत्रों की मानें, तो भाजपा के गोपनीय सर्वे में तीन सांसदों की रिपोर्ट काफी खराब पाई गई है. इसमें एक सांसद पर पार्टी लाइन से हटकर अक्सर प्रतिक्रिया देने के साथ ही समय-समय पर पार्टी के बड़े नेताओं पर तंज कसने का आरोप है. इसके साथ ही एक सांसद की रिपोर्ट में कहा गया है कि जनता के बीच उनका व्यवहार ठीक नहीं है.

75 की उम्र वालों के टिकट पर संशय

भाजपा ने 75 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले सांसदों को टिकट नहीं देने का फैसला किया है. इससे बरेली के एक सांसद के टिकट पर संशय है. भाजपा में उनका टिकट कटने की चर्चा है. हालांकि कुछ नेताओं का ये भी मानना है कि सियासी समीकरणों की वजह से उन्हें टिकट मिलना तय है.

जानें सांसदों का रिपोर्ट कार्ड

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार एक सांसद के लोकसभा क्षेत्र से गायब रहने की शिकायत है. इसके साथ ही उनके परिजनों से भी पार्टी खफा है. इस वजह से उनका टिकट कटना तय माना जा रहा है. हालांकि, इस बात की भी अटकलें हैं कि वह सपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं. एक सांसद पर हर मामले में पार्टी लाइन से हटकर अपनी खुली राय देने, समय समय पर पार्टी के बड़े नेताओं पर तंज कसने का आरोप है. एक अन्य सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में कम रहते हैं. उनका कामकाज भी बेहतर नहीं पाया गया है. जनता के बीच उनके व्यवहार ठीक नहीं है. इसके साथ ही उनकी लोकप्रियता में भी कमी सामने आई है.

भाजपा इन पर लगा सकती है दांव

पार्टी कुछ सांसदों के टिकट काटने के बाद एक पूर्व मंत्री, एक विधायक और प्रदेश सरकार के मंत्री को चुनाव लड़ा सकती है. इनके जातिगत समीकरण पार्टी हित में आ रहे हैं.

9 साल की गिनाई उपलब्धियां

केंद्र की भाजपा सरकार के 9 वर्ष पूर्ण होने पर 30 मई से 30 जून तक महाजनसंपर्क अभियान कार्यक्रम किया गया था. यह अभियान 30 जून को खत्म हो गया. बरेली में भी इस दौरान सांसद, विधायकों ने लोगों के बीच जाकर सरकार के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया. इस दौरान मिलने फीडबैक का भी टिकट वितरण में ध्यान रखा जाएगा.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली

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