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बेगुसराय में भीषण गर्मी के कारण चमगादड़ों की हो रही मौत, देखने नहीं पहुंच रहे अधिकारी

स्थानीय लोगों द्वारा पेड़ से चमगादड़ गिरने के बाद उसे पानी पिलाकर जान बचाया जा रहा है वहीं जिस चमगादड़ को पानी नहीं पिलाया जा रहा है या वैसे चमगादड़ जिन्हें पेड़ से गिरने के बाद पानी नहीं मिल पाता है वो जमीन पर गिरते ही पानी के बिना छटपटाकर मर जाते हैं.

बेगुसराय: बछवाड़ा प्रखंड क्षेत्र के गोविंदपुरपुर तीन पंचायत के भूथरी गांव में सैकड़ो वर्षो बरगद पेड़ पर अवस्थित चमगादड़ का अस्तित्व खतरे में है. भीषण गर्मी के कारण प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में चमगादड़ की प्रजाति पेड़ से नीचे गिरकर मर रहे हैं. वही स्थानीय लोगों द्वारा पेड़ से चमगादड़ गिरने के बाद उसे पानी पिलाकर जान बचाया जा रहा है वहीं जिस चमगादड़ को पानी नहीं पिलाया जा रहा है वैसे चमगादड़ जिन्हें पेड़ से गिरने के बाद पानी नहीं मिल पाता है वो जमीन पर गिरते ही पानी के बिना छटपटाकर मर जाते हैं. चमगादड़ के मरने से पेड़ के आसपास इतना दुर्गंध करता है कि पेड़ के पास ठहरना तो दूर उस रास्ते से गुजरना भी मुश्किल हो गया है.

पेड़ से आम की तरह गिर रहे चमगादड़

स्थानीय लोग राम किशुन यादव,राम चंदर यादव,लालाबाबू मिलन,सतीश महतो,रामचन्द्र महतो,राम नरेश राय,कारी राय,राजेश कुमार राय,राहुल कुमार, नंदन कुमार समेत आदि लोगो ने बताया कि सैकड़ों वर्ष पुर्व भुथरी ठाकुरवाड़ी का महंथ श्री श्री 108 श्री बौध बाबा जी महराज के द्वारा ठाकुरवाड़ी परिसर में चमगादड़ की प्रजाति को लाया गया था, और उस चमगादड़ को बरगद पेड़ पर रखा गया था. और महंत के द्वारा चमगादड़ के उस प्रजाति को सुरक्षित रखने के लिए उसकी नियमित देखभाल की जा रही थी. उन्होंने बताया कि चमगादड़ की यह प्रजाति दिन भर पेड़ से उल्टा लटका रहता है और शाम होते ही अपने आहार के खोज में निकल जाता है. रात भर विभिन्न पेड़ का फल खाने के उपरांत सुबह होने से पहले वह पुनः इसी पेड़ पर लौट आता है, उन्होंने बताया कि आज तक ऐसा कभी देखने को नहीं मिला कि चमगादड़ की यह प्रजाति पेड़ से आम की तरह गिर रहा है.

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प्रतिदिन मर रहे सौ से ज्यादा चमगादड़

उन्होंने बताया कि प्रत्येक दिन कम से कम एक सौ से अधिक चमगादड़ की गिरकर मौत हो रहा है, जिन चमगादड़ को गिरते ही उसे पानी पिला दिया जाता है वह चमगादड़ कुछ देर के बाद जमीन से उड़कर पेड़ पर चला जाता है और जिन्हें पानी नहीं मिलता है वह वहीं अपना दम तोड़ देते हैं. ऐसी स्थिति में स्थानीय प्रशासन प्रखंड विकास पदाधिकारी को घटना की सूचना देते हुए उन्हें चमगादड़ की स्थिति से अवगत होने व चमगादड़ के बचाव पर विचार विमर्श के लिए के लिए सूचना दिया गया, ग्रामीणों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि सूचना के बावजूद स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधि भुथरी ठाकुरवाड़ी पहुंचना मुनासिब नहीं समझे.

वन विभाग के पदाधिकारी नहीं पहुंचे चमगादड़ के प्रजाति को देखने

स्थानीय ग्रामीणों ने चमगादड़ के इस प्रजाति को बचाने के लिए आपसी ,सहयोग से चापाकल पाईप व मोटर की व्यवस्था करने में जुटे हुए हैं जिससे विलुप्त हो रहे चमगादड़ की प्रजाति को बचाया जा सके. उन्होने वन विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि विगत दिनों ही वन विभाग के पदाधिकारी को सूचना दिया गया है लेकिन आज तक कोई भी वन विभाग के पदाधिकारी चमगादड़ के इस प्रजाति को देखने तक नहीं पहुंचे हैं. स्थानीय विधायक सुरेन्द्र मेहता ने बताया कि विभाग से बात कर चमगादड़ के इस प्रजाति को हर संभव बचाने का पर प्रयास किया जाएगा.

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