बेगूसराय: मंगलवार की सुबह सागी पंचायत के नुरुल्लाहपुर गांव स्थित बूढ़ी गंडक के बीच धार से मछुआरों ने एक अधेड़ को नाव की सहायता से बचाया. अधेड़ की पहचान समस्तीपुर जिले के रोसड़ा थाना अंतर्गत वार्ड एक महादेव मठ निवासी रामनरेश गिरी के रूप में की गयी. अधेड़ के सकुशल नदी से बरामद होने की सूचना पर उसे देखने सैकड़ों लोगों की भीड़ जुट गयी. मिली जानकारी के अनुसार नुरुल्लाहपुर वार्ड छह के मछुआरे अजय सहनी, पंकज कुमार, संतोष सहनी, विजय सहनी, मो बिजुल, मलिया सहनी, चंदन कुमार आदि ने बताया कि उक्त अधेड़ बूढ़ी गंडक के बीच धार में डूब रहा था. तभी हम लोगों की नजर उस पर पड़ी.
अजय सहनी के नेतृत्व में सभी मछुआरों ने नाव के सहयोग से उसे नुरुल्लाहपुर काली मंदिर के समीप नदी से सकुशल बाहर निकाला. अधेड़ ने पूछताछ में अपना नाम रामनरेश गिरी बताया. वह रोसड़ा महादेव मठ का रहने वाला है. इसकी सूचना उसके परिजनों एवं स्थानीय प्रशासन को दी गयी. सूचना पर एएसआइ अजय कुमार मिश्रा दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. नदी से निकाले गये अधेड़ को अपने साथ इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोदावंदपुर में भर्ती कराया.जहां उसका इलाज किया गया.
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घटना के संबंध में उक्त अधेड़ का भतीजा मनीष कुमार ने बताया कि वे मानसिक रूप से कमजोर हैं. जिसके कारण वह कई बार घर से भाग चुके हैं. वे शादी भी नहीं किये हुए हैं. उनकी देखरेख मैं और मेरे परिवार के सदस्य ही करते हैं. वे आत्महत्या करने के उद्देश्य से रोसड़ा गोला घाट स्थित नदी में छलांग लगाये थे. नदी में डूबने की सूचना पर मैं सपरिवार उनकी खोजबीन में लगा था. इसी बीच नुरुल्लाहपुर के ग्रामीणों से रामनरेश गिरी नामक व्यक्ति के नदी से सकुशल बरामद होने की सूचना मिली.
सूचना मिलते ही मैं नुरुल्लाहपुर बांध पर पहुंचा तब तक खोदावंदपुर पुलिस के द्वारा मेरे चाचा को इलाज के लिए सीएचसी खोदावंदपुर ले जाया गया. जहां उनका इलाज किया गया. उन्होंने बताया कि बूढ़ी गंडक के जल स्तर में वृद्धि होने के बावजूद भी आठ किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद नुरुल्लाहपुर के मछुआरों के द्वारा उन्हें बचा लिया गया. इसके लिए मैं सपरिवार मछुआरे भाईयों का सदा आभार रहूंगा.
Posted By : Thakur Shaktilochan Shandilya