भागलपुर: जिले की ऐसी गर्भवती महिला जो 24 माह के बाद गर्भपात कराना चाहती है. उनको अब इस काम के लिए समिति के सामने आना होगा. यह बताना होगा इस निर्णय के पीछे क्या वजह है. अगर गर्भवती ठोस वजह बताने में सफल होती है और कमेटी इस मान लेती है, तो आदेश दे सकती है.
24 सप्ताह के बाद बिना समिति के आदेश का गर्भपात कराना गैर कानूनी है. ऐसा करने वाले चिकित्सक व महिला देनों को सजा हो सकती है. वहीं मुख्यालय के आदेश पर सिविल सर्जन ने समिति का गठन किया है. इसमें अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, सदर अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट, सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ एवं यहां की महिला चिकित्सक को शामिल किया गया है. आवेदन आने के बाद यह कमेटी गर्भपात करानेवाली सभी महिला के सभी कागजात की पहले जांच करेगी. ठोस कारण व मेडिकल स्थिति को देखने के बाद कमेटी निर्णय लेगी.
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समिति के सामने आवेदन आने पर यह अपने स्तर से जांच करेगी. गर्भपात कराने से महिला पर क्या असर होगा. महिला के हेल्थ के बारे में जानकारी लेना. इसके बाद ही टीम गर्भपात कराने का आदेश देगी.
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बोर्ड निर्णय लेने से पहले दूसरे चिकित्सक से भी सलाह ले सकते है.
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महिला एवं उसकी रिपोर्ट की जांच करने का अधिकार
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आवेदन मिलने के बाद तीन दिन के अंदर कमेटी निर्णय देगी.