संजीव,भागलपुर: जिले में ब्लड सुगर की समस्या से ग्रसित पुरुषों व महिलाओं की संख्या लगभग बराबरी में है. बहुत अधिक (वेरी हाइ) ब्लड सुगर की चपेट में जिले के 7.1 प्रतिशत महिला, तो 7.3 प्रतिशत पुरुष है. स्थानीय चिकित्सकों का कहना है कि बदले लाइफस्टाइल ने लोगों को शारीरिक श्रम से दूर कर दिया है. चाहे वह चलने में हो, काम करने में हो या फिर किसी अन्य मामलों में हो. हर काम में आराम का रास्ता अपनाने में प्राथमिकता देते हैं. फास्ट फूड की तरफ लोगों का झुकाव बढ़ गया है. इस कारण लोग ब्लड सुगर व ब्लड प्रेशर के शिकार हो रहे हैं.
भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-पांच) कराया था. इसकी वर्ष 2015-16 और 2019-20 की रिपोर्ट मंत्रालय ने जारी की है. ब्लड सुगर व ब्लड प्रेशर की रिपोर्ट सिर्फ वर्ष 2019-20 के आंकड़े सम्मिलित किये गये हैं.
जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के पूर्व चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विनय कुमार झा बताते हैं कि आज कल 40 की उम्र के बाद ब्लड सुगर व ब्लड प्रेशर की समस्या कॉमन है. कमोबेश हर घर में इसके एक मरीज हैं. जिनको डायबिटिज है, वह ब्लड प्रेशर से भी पीड़ित हैं. इसकी वजह हमारा लाइफ स्टाइल बदला है. पैदल कम चलते हैं. एरोबिक एक्सरसाइज पर ध्यान नहीं देते. खानपान में बदलाव आ गया है और फास्ट फूड पर अधिक जोर देते हैं. पहले लोग साइकिल से चलते थे, अब मोटरसाइकिल व कार के बिना घर से निकलते नहीं हैं. प्रदूषण भी बढ़ गया है. लिहाजा भाग-दौड़ के बावजूद खाना-पीना समय पर करें. फास्ट फूड को बढ़ावा न दें.
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ब्लड सुगर
-15 वर्ष और उससे अधिक उम्र : महिला : पुरुष
-हाइ ब्लड सुगर (141-160 एमजी/डीएल) : 7.5 : 8.5
-वेरी हाइ ब्लड सुगर ( > 160 एमजी/डीएल) : 7.1 : 7.3
-नियंत्रित करने के लिए दवा लेनेवाले : 15.6 : 16.3
-15 वर्ष और उससे अधिक उम्र में रक्तचाप : महिला : पुरुष
-हल्का बढ़ा रक्तचाप (140-159 मिमी) : 7.0 : 8.8
-मध्यम या गंभीर बढ़ा रक्तचाप (160 मिमी) : 3.2 : 3.1
-नियंत्रित करने के लिए दवा लेना : 13.3 : 14.7
Posted By :Thakur Shaktilochan