पटना. अगुवानी घाट-सुलतानगंज गंगा पुल रविवार को ताश के पत्ते की तरह ढह गया. खगड़िया की तरफ का निर्माणाधीन पुल के अचानक गिरने से अफरा-तफरी मच गयी. बताया जाता है कि भागलपुर के अगवानी घाट सुल्तानगंज गंगा पुल का चार फाउंडेशन व सब स्ट्रक्चर पूरी तरह गंगा में समा गये. इस पुल का एक हिस्सा पहले भी टूट कर गिरा था. इस बार खगड़िया की ओर जो पुल का हिस्सा है, वो ध्वस्त हुआ है. किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. खगड़िया के अगवानी से सुल्तानगंज तक करीब 3 किलोमीटर से ज्यादा लंबी इस पुल को एसपी सिंगला कंपनी बना रही है. उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले अगवानी पुल का चार पाया ध्वस्त हो गया. 1711 करोड़ की लागत से बन रहे यह पुल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है. घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत से जानकारी ली. साथ ही उन्होंने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का निर्देश दिया है.
रविवार की दोपहर बाद अचानक जोरदार आवाज हुई. देखते ही देखते पुल का एक बड़ा हिस्सा नदी में समा गया. करीब आधा किलोमीटर तक बने पुल का 4 पाया अचानक टूटकर नदी में समा गया. पुल के आसपास खड़े लोगों ने इस भयावह तस्वीर को अपने मोबाइल में भी कैद किया है. घटना की जानकारी मिलने पर पुल निर्माण निगम के कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी है. पुल निर्माण के अधिकारियों ने घटना की जानकारी वरीय अधिकारियों को दे दी है. बताया गया कि तकनीकी जांच टीम पटना से जायेगी. जांच टीम आने के बाद पड़ताल करेगी कि यह हिस्सा किस कारण से गिरा है.
हादसे के वक्त पुल के आसपास काफी लोग थे. इस पुल के निर्माण की डेट लाइन अब तक आठ बार बदला जा चुका है. इस पुल का शिलान्यास 2014 में हुआ था. 2016 में इस पुल का कार्यारंभ हुआ. एपी सिंघला कंपनी इस पुल को बना रही है. दावा किया जा रहा था कि सुपर स्ट्रक्चर के काम को भी 83.17 प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है. इसके अलावा अप्रोच रोड का काम 45.10 प्रतिशत कर लिया गया है. इस पुल का निर्माण अगले साल पूरा करने का डेटलाइन दिया गया है.
इससे पहले भी इस पुल का एक हिस्सा टूट कर गिर चुका है. उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़नेवाले इस पुल की पाया संख्या 4,5,6 के दोनों ओर के 36 स्लैब ध्वस्त हो गया था. घटना के संबंध में बताया गया था कि सुल्तानगंज-अगुवानी पुल की पाया संख्या 5 के दोनों ओर के स्लैब क्रेक होने के बाद तेज आवाज के साथ ध्वस्त हो गये. सुबह-सुबह हादसा होने से पुल निर्माण कार्य जारी नहीं होने से कोई हताहत नहीं हुआ
यह पहले से ही आरोप लगता रहा है कि अगवानी घाट पुल बनाने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था. यह पुल भ्रष्टाचार की कहानी चीख-चीख कर बयां कर रही हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि पुल का स्ट्रक्चर गिरने के दौरान कई लोगों की जान बाल-बाल बच गई है. इससे पहले जब नितिन नवीन पथ निर्माण मंत्री थे तब यह पुल गिरा था