भागलपुर के तातारपुर थाना क्षेत्र के काजीवलीचक में गुरुवार को हुए विस्फोट मामले में तातारपुर थाना के एसआइ पूर्णेंदू कुमार के लिखित बयान पर दो मृतक लीलावती देवी, महेंद्र मंडल और उनके परिवार के सदस्यों सहित घर के मालिक हबीबपुर चंबेलीचक स्थित मोअज्जमचक निवासी मो आजाद को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. मामले में शुक्रवार रात ही मो आजाद के घर पर छापेमारी की थी.
पुलिस के पहुंचने से पूर्व से आजाद अपने घर से फरार हो गया. इसके बाद पुलिस ने मो आजाद की गिरफ्तारी या पुलिस के समक्ष प्रस्तुत होने का दबाव बनाने और मो आजाद के ठिकानों के बारे में पूछताछ को लेकर घर में मौजूद मो आजाद के दो भाई मुख्तार आलम और बबलू को हिरासत में ले लिया था. करीब 12 घंटे तक थाना में रख पूछताछ करने के बाद शनिवार को दोनों को पुलिस ने बांड पर छोड़ दिया.
बता दें कि मुख्तार आलम का हबीबपुर में ही वेल्डिंग का काम है. वहीं बबलू अपने भाई आजाद के साथ काजीवली चक स्थित आजाद की जमीन पर मौजूद वेल्डिंग कारखाना में साथ में काम करता था. पुलिस ने उससे घर में तैयार होने वाले बमों की जानकारी को लेकर गहन पूछताछ की. पर बबलू ने पुलिस को बताया कि वह अपने सहोदर भाई के वेल्डिंग कारखाना में बतौर स्टाफ काम करता है और आजाद इसके बदले उसे तनख्वाह देता है.
काजीवलीचक विस्फोट, जिसने चार घरों को जमींदोज कर दिया और अब तक 15 जानें जा चुकी है, मामले की जांच में लीलावती देवी की भूमिका अहम पायी गयी है. लीलावती को उसके पहले पति ने छोड़ दिया तो दूसरी शादी करके वो रहने लगी. लेकिन ये रिश्ता उसके ससुराल वालों को पसंद नहीं था. दूसरे पति की मौत के बाद लीलावती के ससुर ने मकान को बेच दिया. इस मकान को मोहम्मद आजाद ने खरीद लिया था.
बताया जाता है कि मोहम्मद आजाद ने किराये पर लीलावती को उसी मकान में रहने दिया. लीलावती पटाखा बनाना जानती थी और धीरे-धीरे वो अवैध तरीके से बारूद का कारोबार पसारने लगी और पैसे जमकर बरसने लगे. लीलावती की बेटी का भी तलाक हुआ और अपनी मां के साथ ही उसके कारोबार को वो बढ़ाने में मदद करने लगी. इस धमाके में लीलावती और उसकी बेटी व नाती समेत 5 लोगों की मौत हो गयी. लेकिन मोहम्मद आजाद की तालाश पुलिस को अभी भी है.
Published By: Thakur Shaktilochan