Bihar News: इंसान अगर असंवेदनशील हो जाए तो उसका परिणाम बेहद बुरा होता है. भागलपुर के पीरपैंती में ट्रेन की चपेट में आए एक युवक की किस्मत ही कुछ ऐसी थी कि उसे मौत की गोद में ही जाकर बैठना पड़ा. अगर लोगों के अंदर संवेदना होती और मानवता के नाते कोई भी इंसान एक कदम आगे बढ़ पाता तो शायद आज उस युवक की जान बच जाती. लेकिन उसकी किस्मत ही ऐसी थी कि वो अचेत पड़ा रहा और घंटों तक उसकी सांसे चलती रही. लेकिन कोई अस्पताल ले जाने वाला नहीं मिला.
पीरपैंती स्टेशन पर बुधवार को करीब 4:30 बजे अप बर्द्धवान पैसेंजर ट्रेन की चपेट में आने से एक युवक का पैर कट गया. ट्रेन गुजरने के बाद प्लेटफाॅर्म नंबर 02 पर खड़े यात्रियों ने पटरियों के बगल में एक युवक को गिरा हुआ देखकर शोर मचाया. हल्ला सुनकर आरपीएफ के जवान, पोर्टर कलाम, रंजीत पासवान व अन्य लोग वहां पहुंचे और उसे रेफरल अस्पताल ले गये. युवक संथाली में कुछ बोल रहा था लेकिन उसकी बात किसी को समझ में नही आ रही थी.
प्राथमिक चिकित्सा के बाद युवक को मायागंज अस्पताल, भागलपुर रेफर कर दिया गया. अस्पताल प्रबंधक ने एंबुलेंस उपलब्ध करा दी, लेकिन न तो कोई अटेंडेंट था और किसी ने संवेदनशीलता भी नहीं दिखायी, जिससे रात के आठ बजे तक वहीं पड़ा रहा.
स्टेशन प्रबंधक अजय कुमार ने बताया कि आरपीएफ के जवान उसे लेकर जायेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. किसी ने मानवता भी नहीं दिखायी. अंतत: युवक ने दम तोड़ दिया. उसकी मौत की सूचना अस्पताल कर्मी वीरेंद्र कुमार ने दी. यदि समय पर उसे भागलपुर ले जाया जाता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी.