Bihar Dengue News: बिहार में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं. भागलपुर में डेंगू के मरीज सबसे अधिक हैं. भागलपुर में बुधवार को डेंगू से पीड़ित चार वर्षीय बच्ची की मौत (Bhagalpur Dengue ) हो गयी. मृतक बच्ची तिलकामांझी हटिया राेड स्थित एक पैथाेलाॅजी के संचालक की बेटी थी. इसके अलावा मायागंज में भर्ती 10 मरीजों की हालत गंभीर है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डीएम खुद स्थिति पर नजर रख रहे हैं. वहीं डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को 25-25 बेड रिजर्व रखने के साथ ही पर्याप्त मात्रा में दवा और गंभीर मरीजों के लिए प्लेटलेट्स उपलब्ध रखने का निर्देश दिया गया है.
भागलपुर जिले में बुधवार को डेंगू के 54 नये मरीज की पहचान जांच के बाद हुई. इनमें से 25 मरीज मायागंज अस्पताल में और 29 मरीज सदर अस्पताल में मिले. 54 में से 30 मरीज शहरी इलाके के हैं, वहीं शेष मरीज प्रखंडों व आसपास के जिले के हैं. भागलपुर शहरी क्षेत्र के हर हिस्से में अब डेंगू मरीज मिलने शुरू हो गये हैं. लगातार हो रही बारिश के कारण जगह-जगह जलजमाव हो रहा है. जमे पानी में डेंगू के मच्छर तेजी से पनप रहे हैं. सदर अस्पताल प्रभारी डॉ राजू ने बताया कि सभी मरीजों की हालत स्थिर है. इनमें से सात मरीजों को डेंगू वार्ड में भर्ती किया गया है. वहीं मायागंज अस्पताल के प्रबंधक सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि बुधवार काे मिले 41 मरीजों को फैब्रिकेटेड अस्पताल में भर्ती किया गया है. वहीं एमसीएच वार्ड में 28 मरीजों का इलाज चल रहा है. 10 गंभीर मरीजों को एचडीयू वार्ड में इलाज चल रहा है.
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बुधवार को भागलपुर में डेंगू से पीड़ित चार वर्षीय बच्ची की मौत हो गयी. मृतक बच्ची तिलकामांझी हटिया राेड स्थित पैथाेलाॅजी के संचालक की बेटी है. बच्ची का इलाज शिशु राेग विशेषज्ञ के क्लिनिक में बीते तीन दिन से चल रहा था. मंगलवार की रात डेंगू से पीड़ित बच्ची को 15 से अधिक शौच व उल्टी हो गयी. इतना ही नहीं रात दो बजे उसे तेज बुखार के साथ पेट दर्द शुरू हो गया. आखिरकार बच्ची की मौत हो गयी. इससे पहले भी 17 अगस्त को मायागंज अस्पताल के 42 वर्षीय डेंगू मरीज संतोष कुमार की मौत हो गयी थी. इस समय मायागंज अस्पताल के डेंगू वार्ड में इलाज करा रहे नौ डेंगू के मरीजों की हालत काफी गंभीर हैं. इनके खून में प्लेटलेट्स का स्तर काफी नीचे जा चुका है. अस्पताल प्रबंधक के अनुसार गंभीर मरीजों का इलाज जारी है. धीरे-धीरे स्थिति में सुधार की उम्मीद है.
उधर, पटना जिले में डेंगू का डंक रफ्तार पकड़ने लगा है. छह दिन से हररोज औसतन 10 से 12 नये मरीज मिल रहे थे, लेकिन बुधवार को यह आंकड़ा तीन गुना हो गया. पिछले 24 घंटे में जिले में 33 नये मरीज मिले हैं. पीएमसीएच में 12 और आइजीआइएमएस में 8 मरीज मिले हैं. इसके बाद एनएमसीएच में चारवनिजी अस्पतालों को मिलाकर कुल 33 मरीज मिले हैं. इसके साथ ही पटना जिले में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 146 पहुंच गया है. सिविल सर्जन ने कहा कि अब तक मिले 146 मरीजों में 118 अकेले शहरी इलाके के हैं. 28 लोग ग्रामीण इलाके में प्रभावित हुए हैं. जहां पानी जमा है, वहां डेंगू का प्रकोप मिल रहा है. जिन इलाकों में प्रकोप है, वहां फॉगिंग और लार्विसाइडल का छिड़काव कराया जा रहा है. घर के आसपास साफसफाई रखें, पानी जमा नहीं रखना है.
मुंगेर जिले में लगातार बढ़ रहे डेंगू संक्रमण को लेकर बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सूबे के सभी जिलों के सिविल सर्जन, अस्पताल उपाधीक्षक और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों के साथ ऑनलाइन समीक्षा की. इसमें जिलावार डेंगू की तैयारियों और जिले में डेंगू संक्रमण की स्थिति की जानकारी ली गयी. इस दौरान समीक्षा में ऑनलाइन सिविल सर्जन डॉ पीएम सहाय, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रमन कुमार, मलेरिया पदाधिकारी डॉ अरविंद कुमार आदि जुड़े थे. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रमन कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में मंगलवार तक कुल सात डेंगू के मरीज भर्ती थे. जिसमें कुल छह मरीजों को बुधवार को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है. वहीं डेंगू के एक मरीज का इलाज सदर अस्पताल के महिला वार्ड के सामने बने डेंगू वार्ड में चल रहा है.
डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को 25-25 बेड रिजर्व रखने के साथ ही पर्याप्त मात्रा में दवा और गंभीर मरीजों के लिए प्लेटलेट्स उपलब्ध रखने का निर्देश दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने इसके साथ ही जिला अस्पतालों को कम से कम पांच-पांच बेड डेंगू मरीजों के लिए सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है. इसके अलावा अस्पतालों में ऐसे मरीजों के लिए मच्छरदानी भी लगाने का निर्देश दिया गया है. अब डेंगू मामलों की प्रतिदिन मुख्यालय स्तर पर मॉनीटरिंग की जायेगी. अपर मुख्य सचिव ने सभी नगर निकायों में सघन छिड़काव कराने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही सभी सिविल सर्जनों को प्रभावित क्षेत्रों में फॉगिंग करने का निर्देश दिया.