अंकित आनंद, भागलपुर: बिहार चुनाव २०२० को लेकर भागलपुर पुलिस की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है. भागलपुर पुलिस और पारा मिलिटरी (बीएसएफ जवान) शहर के चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हैं, वहीं पुलिस के आला अधिकारी भी शहरों और प्रखंडों में सुरक्षा की तैयारी और पर्याप्त बलों की संख्या को लेकर आश्वस्त हैं.
भागलपुर पुलिस जिला और नवगछिया पुलिस जिले के दियारा इलाकों में अब धीरे-धीरे गंगा का पानी उतरने लगा. वहां के रास्ते दुर्गम हो गये हैं. ऐसे में पुलिस के पास घुड़सवार दस्ता के अलावा दियारा इलाके में गश्ती और सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने का कोई दूसरा विकल्प नहीं है.
बिहार पुलिस की एमएमपी माउंटेड मिलिटरी पुलिस (अश्वारोही सैन्य बल) भी दियारा के दुर्गम इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने को आसान बनाने के लिए तैयारी शुरू कर दी. भागलपुर जीरोमाइल स्थित अश्वरोही सैन्य बल में विधान सभा चुनाव को लेकर तैयारी तेज कर दी गयी है.
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अश्वारोही सैन्य बल परिसर के अस्तबल में घोड़ों की देखरेख को बढ़ा दी गयी है, तो घोड़ों के दौड़ाने और उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए परिसर में बनाये गये कोर्स (मैदान) में घोड़ों की प्रैक्टिस तेज कर दी गयी है. अश्वारोही सैन्य बल भागलपुर के हेड कांस्टेबल सुबोध पासवान और पवन कुमार का कहना है कि चुनाव की घोषणा के बाद चुनाव ड्यूटी की तैयारी शुरू की जा चुकी है. हर दिन होने वाले सामान्य प्रैक्टिस की समय अवधि को बढ़ाया गया है. घोड़ों के सेहत का भी खास ख्याल रखा जा रहा है.
वर्तमान में भागलपुर एमएमपी के पास 12 घोड़े हैं, जिसमें एक राजेश बूढ़ा होने से रिटायर हो चुका है. डेढ़ वर्ष पहले भागलपुर लायी गयी कौशल्या ने अबतक अपने राइडर का कमांड मानना स्वीकार नहीं की है, जिससे प्रैक्टिस के दौरान कभी कभार वह सनकी हो जाती है. ऐसे में राजेश और कौशल्या को चुनाव ड्यूटी में ले जाना संभव नहीं है.
भागलपुर में 10 घोड़े हैं, जिनमें दो कंट्री नस्ल व दो विदेशी नस्ल के हैं. सभी चुनाव ड्यूटी में अपना योगदान देने को पूरी तरह से तैयार हैं. सभी के सेहत की हर रोज जांच की जाती है. सभी घोड़े और उनके राइडर को सुबह- शाम प्रैक्टिस कराया जाता है.
हेड कांस्टेबलों ने बताया कि ऊपर से आदेश आते ही वह सभी राइडर को पांच-पांच घोड़े के दो सेक्शन में बांटा जायेगा. जहां भी उनकी प्रतिनियुक्ति की जायेगी, वहां कूच करेंगे. वर्तमान में सभी घोड़े दियारा में गश्ती और दौड़ लगाने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित हैं. उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आयेगी.
कंट्री नस्ल के घोड़े : माधुरी, शबनम, संड्रेला, हनी, मैरी, शायरा, पूनम, जरीना, कौशल्या.
विदेशी नस्ल के घोड़े : अलीबाबा, अयान और राजेश.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya