बिहार में मानसून ने प्रवेश कर लिया है. प्रदेश भर में पिछले कई दिनों से रूक-रूककर लगातार बारिश हो रही है. वहीं नदियों के जलस्तर में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. कोसी और गंगा लगातार उफान पर है. दोनों नदियों के किनारे बसे गांवों के लिए अब कटाव एक बड़ी चिंता बनती जा रही है. बारिश और बाढ़ के दौरान कोसी हर साल अपना उग्र रूप धारण करती है. कोसी पार भागलपुर के लोकमानपुर और सिंहकुंड तो गंगा किनारे बसे सबौर में तेजी से कटाव होने लगे हैं. जिससे ग्रामीणों की चिंता अब बढ़ने लगी है.
कोसी में आए उफान के बाद अब नदी तेजी से पांव पसारना शुरू कर चुकी है. नदी और गांव के बीच की दूरी अब ना के बराबर है. पानी गांव घुसने के कगार पर है. वहीं ग्रामीणों के जमीन को तेजी से आगोश में ले रही है. जबकि अभी तक इससे बचाव के कोई मजबूत उपाय नहीं किये गए हैं. बालू टोला के 150 घरों पर अब घोर संकट मंडराने लगा है.
कोसी के उग्र रूप धारण करने के साथ ही भागलपुर में गंगा ने भी अपनी रफ्तार तेज कर ली है. गंगा किनारे बसे सबौर में लोगों को हर साल कटाव का दंश झेलना पड़ता है. इस साल बारिश शुरू होते ही कटाव ने मुश्किलें पैदा कर दी है. प्रखंड के बरारी से लेकर रामनगर दियारा अठगामा तक के गंगा किनारे बसावट को तत्काल राहत कर असर नहीं दिख रहा है. यहां के कई इलाकों में तेजी से कटाव जारी है. देखते ही देखते किसानों की सैंकड़ो एकड़ जमीन गंगा में समा गयी.खेतों में लहलहाते फसल गंगा में बढ़ते जलस्तर में डूबने लगे हैं. लोग हर साल की तरह इस साल भी निचले इलाके को खाली कर उंचे स्थल पर शरण लेने लगे हैं.
भागलपुर के कहलगांव और आसपास के क्षेत्र में भी गंगा के जलस्तर में बढोतरी हुई है. पिछले 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 51 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गइ है.वहीं बक्सर, दीघाघाट, गांधीघाट, हाथीदह, मुंगेर वगैरह में भी गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. गंगा किनारे बसे लोगों की मुश्किलें बढ़ी है जबकि राहत कार्यों की रफ्तार बेहद सुस्त है जिससे ग्रामीणों में नाराजगी भी है.
Posted By: Thakur Shaktilochan