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Bihar Flood 2022: कोसी-सीमांचल क्षेत्र में बाढ़ की क्या है स्थिति? मुंगेर में भी गंगा के जलस्तर को जानें

Bihar Flood 2022 Update: बिहार में बाढ़ से हालात गंभीर होने लगे हैं. कोसी व सीमांचल के साथ ही अंगप्रदेश के क्षेत्र में नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी लगातार जारी है. कइ इलाके जलमग्न हो गये हैं. जानिये ताजा हालात...

Bihar Flood 2022 Update: कोसी सीमांचल समेत बिहार के कई जिलों में बहने वाली नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. लगातार कई  दिनों से हुए बारिश के कारण सूबे की कई नदियां उफान पर है. भागलपुर समेत कई अन्य जिलों में बाढ़ की तबाही देखने को मिल रही है.  दरअसल, पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश की वजह से बिहार में नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. महानंदा, गंगा, बरांडी व कोसी के जलस्तर में इज़ाफ़ा देखा गया है.

सुपौल में बाढ़

कोसी के पानी में उतार चढ़ाव आने के कारण कटाव का संकट बढ़ गया है. जिले के बौरहा पंचायत के लोग भी कटाव की जद में आ चुके हैं. मानसून की बारिश ने लोगों की मुश्किलें भी बढ़ा दी है. ग्रामीणों ने बताया की लगातार जलस्तर बढ़ने व घटने के कारण किसानों की मूंग की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर पानी बढ़ने के कारण जगह-जगह सड़क टूट गई है. थरबिटिया-दुबियाही पथ तीन जगहों पर टूट गया है. इससे दुबियाही व मौजहा पंचायत की करीब 10  हज़ार की आबादी का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट गया है, जिससे गांव के घरों में पानी भरने लगा है . सड़क टूटने के कारण लोगों को नदी पार करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

कटिहार में बाढ़

कटिहार में महानंदा नदी फिर से उफान पर है, वहीं गंगा व कोसी नदी में नरमी देखने को मिली. महानंदा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी ने जनजीवन प्रभावित किया है. महानंदा नदी का लगातार जलस्तर बढ़ने से निचले क्षेत्र में बाढ़ का  पानी फैल रहा है. बाबत आजमनगर प्रखंड का सबसे बाढ़ प्रभावित गांव बैरिया, शिवनगर टोला, इमाम नगर, कन्हैया,  रतनपुर आदि गांव, महानंदा नदी के पानी से चारो ओर से घिर चुका है. नदी के इस रूप को देखते हुए जिले के लोगों में दहशत है.

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किशनगंज में बाढ़

लगातार हो रही बारिश के कारण जिले के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए है. मानसून ने अभी पूरी तरह से अपना रूप नहीं दिखाया है और लोग पहले ही पलायन करने को मजबूर हैं. लगातार बारिश के बाद पत्थरघट्टी पंचायत से होकर बहने वाली कनकई नदी उफान पर है, जिसके बाद कटाव भी तेज़ हो गया है. यहां कई कच्ची सड़कें देखते  ही देखते नदी में विलीन हो गई. यहां के आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में है.

मुंगेर में बाढ़

मुंगेर में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे यहां बाढ़ और कटाव की समस्या से लोग भयभीत हैं. ऐसी आशंका जताई जा रही है की जिस रफ़्तार से गंगा का पानी बढ़ रहा है, उसके अनुसार इस बार भी बाढ़ बड़ी आबादी को प्रभावित करेगी. उपजाऊ जमीन बह जाने के कारण किसानो के लिए एक बड़ी समस्या पैदा हो गई है.

मधेपुरा में बाढ़

मधेपुरा में कोसी के जलस्तर में वृद्धि हुई है. भरही धार के डायवर्सन पर बाढ़ का पानी भर गया है जिससे सड़क संपर्क पूरी तरह भंग हो गया है. बाढ़ की तबाही की ये कोई पहली घटना नहीं है, 2008 की त्रासदी में भरही धार पर बने लोहे का पुल बहाव में बह गया था. लोग आज भी बाढ़ की दहशत में रहते हैं.

सहरसा में बाढ़

कोसी-सीमांचल में बाढ़ का पानी तेज़ी से फैलने लगा है जिसके साथ ही सड़कें कटने लगी है और घर-मकानों का धवस्त होना भी शुरू हो गया है. यहां घटते-बढ़ते जलस्तर से कटाव ने अपना उग्र रूप धारण कर लिया है. जिससे सैकड़ो परिवार तबाह हो गए हैं. हाटी के मुरलीपुर व एन पी एस देविका स्कूल के वजूद पर भी कटाव के कारण खतरा मंडरा रहा है.

खगड़िया में बाढ़

कोसी नदी के जलस्तर में उफान आते ही तेलिहार स्लुइस गेट से हो रहे रिसाव को देख रहा यहां के ग्रामीण सहमे हुए हैं.

प्रस्तुति: चेतना प्रकाश

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