बिहार में बाढ़ (Bihar Flood) का प्रकोप जारी है. इस बीच भागलपुर से एक दिल छूने वाली तसवीर सामने आयी है. जहां बाढ़ का पानी जब घर में घुस गया तो एक महिला ने अपने तीन बच्चों के साथ पुल के पिलर पर आशियाना बना लिया. जान जोखिम में डालकर इस परिवार की जिंदगी कट रही है.
नाथनगर के गोसाईंदासपुर गांव में जब बाढ़ का पानी घुस गया तो एक महिला अपने तीन बच्चों के साथ सुरक्षित क्षेत्र की ओर पलायन कर गयी. लेकिन पीड़ा के इस दौर में उसने आशियाना के लिए एक पुल को चुना. बाढ़ पीड़िता पुनम देवी ने चंपानाला पुल के एक पिलर पर अपना आशियाना बना लिया है. जान जोखिम में डालकर इस परिवार की जिंदगी कट रही है.
बता दें कि भागलपुर में इस साल बाढ़ ने कुछ ज्यादा ही तबाही मचायी है. नाथनगर के बाढ़ राहत शिविर का जायजा प्रभात खबर की टीम ने लिया. चर्च मैदान स्थित बाढ़ राहत शिविर में ढंग से टेंट नहीं लगाया गया है. शिविर में ठहरे रत्तीपुर बैरिया पंचायत के बाढ़ पीड़ितों को खुली धूप में भोजन करना पड़ रहा है. जितनी जगह पर टेंट लगा है वो कम पड़ जा रहा है. पीड़ितों ने बताया कि मजबूरन थाली लेकर धूप में ही खाते हैं.
जिंदगी चलने का नाम, भले पुल के पाये में रहना पड़े #भागलपुर के चंपा पुल के पाये को बनाया आशियाना, क्योंकि बाढ़ ने बेघर किया pic.twitter.com/p887ZtnQ2m
— Jivesh ranjan singh (@ranchi1968) August 20, 2021
नाथनगर के शिविर में शरण लिये बाढ़ पीड़ितो का कहना है कि टैंकर से पीने का पानी तो आता है पर वो बहुत कम पड़ जाता है. एक चापानल है जो जिसे लोगों की जान बच रही है. दिन भर चापानल पर भीड़ लगी रहती है.राहत शिविर मे करीब 50 प्रतिशत से अधिक लोगों को खासी सर्दी की शिकायत है.
शिविर में रहलोगों का कहना है कि उन्हें पर्याप्त दवा नहीं मिल रही है. इसके अलावा आंख कान आदि की समस्या होने पर दूसरी जगह इलाज के लिए जाने कहा जाता है. पकोही इन दिनों अधिक लगता मगर उसका भी दवाई बहुत कम दी जा रही है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan