Bihar Flood News Update: नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हुई वर्षा के कारण सीमावर्ती नदियां उफान पर है. कोसी-सीमांचल क्षेत्र में बाढ़ के हालात बन गए हैं. इस क्षेत्र की तमाम नदियों में उफान है. बारिश की रफ्तार घटी है लेकिन नदियों का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर ही दर्ज किया जा रहा है. सुपौल-अररिया-पूर्णिया-कटिहार में 100 से अधिक गांवों में पानी घुस चुका है और लोग अब सुरक्षित जगहों की ओर पलायन करने लगे हैं. कटिहार में स्कूल महानंदा नदी में डूब गया तो वहीं इन जिलों की कई सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं.
अररिया में परमान नदी खतरे के निशान से थोड़ी ही नीचे बह रही है. शनिवार से नदी के जलस्तर में वृद्धि और कमी जारी है. बाढ़ की स्थिति जस की तस बनी हुई है. पिपरा में तटबंध टूट गया जिससेआसपास के गावों में पानी फैल गया है. इससे बाढ़ की स्थिति बन गयी है. परमान नदी के पानी के फैलने से एक दर्जन से अधिक गावों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. किसानों को भी काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. खेतों में पानी भर जाने की वजह से धान की रोपाई ठप्प पड़ी है. धान व बिचड़े डूब गये हैं. किसानों को यहां धान की फसल, पटुआ, मूंग आदि के डूबने से व्यापक नुकसान हुआ है.जोकीहाट प्रखंड क्षेत्र से बहने वाली बकरा, कनकई व परमान नदी में आयी बाढ़ के कारण प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति और भी बिगड़ गयी है. 25 पंचायतों में बाढ़ से लोग प्रभावित हैं.
कटिहार जिले के सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में रविवार को उतार चढ़ाव रहा. महानंदा नदी के जलस्तर में रविवार दोपहर के बाद कमी दर्ज की गयी है. हालांकि जलस्तर में कमी के बावजूद नदी अधिकांश स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की ओर से रविवार की शाम को जारी रिपोर्ट के मुताबिक महानंदा नदी का जलस्तर झौआ, बहरखाल, आजमनगर, धबोल व कुर्सेला में घट रही है. हालांकि नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इस नदी का जलस्तर दुर्गापुर व गोविंदपुर में बढ़ रहा है. इस नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से कदवा, आजमनगर सहित आसपास के निचले इलाके में बाढ़ का पानी फैलने लगी है. धान व मखाना को नुकसान होने लगा है.
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दूसरी तरफ कटिहार में गंगा नदी का जलस्तर दोनों स्थान यानी रामायण पुर व काढ़ागोला घाट पर बढ़ रहा है. जबकि बरंडी नदी के जलस्तर वृद्धि दर्ज की गयी है. हालांकि गंगा, कोसी व बरंडी नदी के जल स्तर में उतार चढ़ाव के बावजूद अधिकांश नदियों का जलस्तर चेतावनी स्तर से काफी नीचे है. हालांकि जिस तरह रुक-रुक कर बारिश हो रही है तथा नदियों के जलस्तर में वृद्धि है. इससे बाढ़ आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. जल स्तर में वृद्धि होने से लोगों के बीच बाढ़ एवं कटाव को लेकर दहशत भी होने लगी है.
पूर्णिया में भी बाढ़ के हालात अब बन गये हैं. अमौर प्रखंड के 9 पंचायतों में परमान नदी ने कहर बरपाया है. महानंदा एवं कनकई थोड़ी नरम पड़ी है लेकिन परमान नदी अब भी उफान पर है. परमान नदी के उफान से दलमालपुर पंचायत, धुरपैली पंचायत, तीयरपारा पंचायत, पोठिया गंगेली, आधांग, विष्णुपुर, बरबट्टा बंगरा मेहदीपुर,मच्छटटा एवं नितेन्दर पंचायत में लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुसना शुरू हो गया है.
पूर्णिया के अमौर अंतर्गत तियरपारा पंचायत में वार्ड नंबर 3 में सड़क पर 2 से 3 फीट पानी ऊपर बह रहा है . तीयरपारा पंचायत के आशियानी पुल के दोनों तरफ सड़क पर 2 फीट पानी बह रहा है .सड़क पर बह रहे पानी से कई पंचायतों की 50 हजार की आबादी का आवागमन बाधित हो चुका है.वहीं बरबटा पंचायत के रसैली गांव वार्ड नं 2 और 3 में भीषण कटाव जारी है .लगभग 25 से 30 परिवार के घर परमान नदी में कट चुके हैं .परमान नदी के कहर से बरबट्टा पंचायत के बंनगामा वार्ड नंबर 9 के डेढ़ दर्जन परिवारों के घर नदी में विलीन हो चुके हैं .वहीं दर्जनों परिवारों के घर नदी में विलीन होने के कगार पर हैं. बंगरा मेहदीपुर पंचायत के रमणी गांव वार्ड एक एवं दो में परमान नदी से भीषण कटाव जारी है. वार्ड दो में लगभग 16 परिवारों का घर नदी में समा गया है.वही लगभग 30 से 40 घरों पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है.
नेपाल में बारिश थमने के बाद सुपौल में कोसी भी शांत दिखने लगी है. रविवार की सुबह चार बजे से ही कोसी नदी का जलस्तर कम होने लगा है. हालांकि पिछले तीन दिनों से कोसी नदी में डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक पानी आने के कारण तटबंध के अंदर कई गांवों में पानी फैलने से गांव में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी थी. रविवार को पानी घटने के बाद गांवों में लगा पानी भी अब धीरे-धीरे घटने लगा है. लेकिन अब ग्रामीणों को कटाव का भय सताने लगा है. कोसी नदी में पानी बढ़ने के बाद बैरिया, बलवा और घूरण पंचायत के दर्जनों परिवार चारों तरफ पानी से घिर गये थे. आवागमन के लिए सड़क भी डूब गई है. ऐसे में आवागमन के लिए नाव ही एकमात्र सहारा बचा है. वहीं सदर प्रखंड के चकला गांव में बाढ़ का पानी घुस जाने से यहां रह रहे लोगों की परेशानी बढ़ गई है.
सुपौल के चकला गांव में मुख्य सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ जाने से एक रास्ता कट चुका है. जबकि दूसरा रास्ता कटने के कगार पर है. ऐसे में गांव में रह रहे सौ से ज्यादा परिवार के लिए आवागमन पूरी तरह से ठप होने की आशंका है. बाढ़ की वजह से इलाके में रह रहे लोग परेशान हैं. नदी में पानी बढ़ने के कारण किशनपुर प्रखंड के दुबियाही पंचायत के वार्ड नंबर 02 और 03 में बाढ़ का पानी गांव में घुस जाने से रह रहे लोगों की परेशानी बढ़ गई है.
सुपौल और किशनपुर प्रखंड मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़क पर बाढ़ का पानी डेढ़ फीट ऊपर से बह रहा है. जिससे दुबियाही और मौजहा पंचायत के लोगों को न केवल आने जाने में परेशानी हो रही है, बल्कि सड़क टूटने का खतरा भी बढ़ गया है. स्थानीय ग्रामीण प्रशासन से राहत और मुआवजे की मांग कर रहे हैं. बहरहाल बाढ़ की वजह से इलाके में रह रहे लोग परेशान हैं.बता दें कि पिछले सप्ताह कोसी नदी में पानी कम होने के कारण सदर प्रखंड के नरहैया वार्ड नंबर 11 में कटाव से लोग तबाह रहे. कटाव के कारण लगभग 147 घर नदी में विलीन हो गये.
Published By: Thakur Shaktilochan