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Lockdown Effect: सिर पर सामान लेकर पैदल अपने घरों की तरफ निकले प्रवासी मजदूर, कोरोना संक्रमित भी भीड़ में ही चले साथ

पिंक सिटी जयपुर से सिल्क सिटी भागलपुर तक का सफर कामगारों के लिए आसान लगा, पर सवारी गाड़ी के अभाव में बच्चों, पत्नी व अन्य सगे-संबंधी के साथ कामगारों को प्लेटफॉर्म से अपने-अपने गांव की ओर लौटना पहाड़ तोड़ने जैसा लग रहा था. दरअसल एक साथ 300 से अधिक संख्या में भागलपुर पहुंचे कामगारों को घर जाने में काफी दिक्कत हुई. गाड़ियों की कमी के कारण ऑटोवालों ने मनमाना पैसे वसूले. इस कारण परेशान लोंगो ने पैदल ही घर जाना उिचत समझा. खास बात यह की जो जांच में पॉजेटिव भी पाए गए वो भी पैदल गए.

पिंक सिटी जयपुर से सिल्क सिटी भागलपुर तक का सफर कामगारों के लिए आसान लगा, पर सवारी गाड़ी के अभाव में बच्चों, पत्नी व अन्य सगे-संबंधी के साथ कामगारों को प्लेटफॉर्म से अपने-अपने गांव की ओर लौटना पहाड़ तोड़ने जैसा लग रहा था. दरअसल एक साथ 300 से अधिक संख्या में भागलपुर पहुंचे कामगारों को घर जाने में काफी दिक्कत हुई. गाड़ियों की कमी के कारण ऑटोवालों ने मनमाना पैसे वसूले. इस कारण परेशान लोंगो ने पैदल ही घर जाना उिचत समझा. खास बात यह की जो जांच में पॉजेटिव भी पाए गए वो भी पैदल गए.

कई कामगारों ने दिखायी जीवटता और पैदल ही निकल पड़े

जयपुर से भागलपुर पहुंचे सैकड़ों की संख्या में मजदूरों को सवारी गाड़ी नहीं मिलने के कारण लोहिया पुल पर घंटों इंतजार करना पड़ा. दरअसल उन्हें बांका के समुखिया, बौंसी, गोड्डा, बाराहाट, कटोरिया जाना था. कई कामगार अपने बच्चे व पत्नी को सड़क किनारे खड़े होने से बेहतर घर की ओर निकलना समझा. समुखिया के राजेंद्र लोहिया ने बताया कि जयपुर व आसपास क्षेत्र में काम मिलना बंद हो गया था. यहां खाना खाने के लिए पैसे नहीं बच रहा था. ऐसे में कुछ पैसे बचाकर घर आना जरूरी समझा. वहां पर वेलोग ईंट की सफाई का काम करते थे.

घर पहुंचने की चाह ने पैदल चलने में की मदद

पुनसिया के परशुराम ने बताया कि पत्थर कटिंग करने का काम करते थे. काम बंद हो गया था. कुछ दिन तक बैठकर खाये. अब अधिक रहते तो भूखे रहना पड़ता. जैसे-तैसे भागलपुर पहुंचे. यहां गाड़ी नहीं मिल रही है. फिर भी सुकून है कि घर के समीप पहुंच गया हूं. इसलिए पैदल जाने में भी कोई दिक्कत नहीं है.

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लोहिया पुल से गुड़हट्टा चौक तक लग गयी थी कतार

लोहिया पुल के ऊपर से लेकर गुड़हट्टा चौक तक मजदूरों की कतार लग गयी थी. अधिकतर लोगों में मास्क लगाने की सजगता थी. गरीबी के कारण बच्चों को संभालना मुश्किल हो रहा था. अधिक पैसे लेकर ऑटो वाले घर की ओर पहुंचा रहे थे. दो ऑटो गुड़हट्टा चौक पर पहुंची तो मजदूरों की भीड़ उस पर चढ़ने के लिए टूट पड़ी. धीरे-धीरे बड़ी गाड़ी से घर के समीप तक निकलते रहे. प्राइवेट बस स्टैंड के स्टाफ कामगारों की सुध लेने के लिए पहुंचे थे, लेकिन भीड़ देखकर अधिक देर तक नहीं टिके.

रिकवरी रेट बढ़कर हुई 94.42 प्रतिशत

रविवार को जिले में 123 लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हो गये है. राहत वाली बात यह है कि 166 लोग कोरोना से ठीक भी हुए है. बात शहरी क्षेत्र की करें तो 29 लोग कोरोना का शिकार हो गये है. इसके साथ ही कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 25149 हो गया है. इसमें अब तक 255 कोरोना पॉजिटिव की मौत हो चुकी है. 23747 पॉजिटिव मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके है. कोरोना सक्रिय मरीजों की संख्या 1147 हो गया है. जबकि कोरोना संक्रमण की दर 2.32 प्रतिशत और रिकवरी रेट बढ़कर 94.42 प्रतिशत हो गया है. प्रवासी मजदूरो ने जयपुर पिंक सिटी से भागलपुर तक का सफर पैदल किया तथा News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें।

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