नवगछिया के नारायणपुर से 25 दिसंबर को अपहृत सूरज कुमार को खगड़िया से बरामद करने के बाद इस मामले में गिरफ्तार किये गये अपहरणकर्ताओं ने बड़ा चौंकाने वाला खुलासा किया है. तीनों अपहर्ताओं ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वे फिरौती के पैसे से अपना रोजगार करना चाहते थे. किसी दलाल ने बिहार पुलिस में नौकरी दिलाने की बात भी कही थी, इसलिए पैसे के लिए बच्चे को किडनैप कर लिया.
एसडीपीओ दिलीप कुमार ने बताया कि बदमाशों ने पूछताछ में अपने जुर्म को कबूल कर लिया है. उन्होंने बताया है कि बालक सूरज का पिता अमरजीत रजक भोज में रसोइया का काम करता है, जिससे उसे बहुत कमाई होती है. इसपर उसके पड़ोसी सौरभ व राकेश की नजर थी.
सौरभ का भाई दीपक अमरजीत रजक के साथ सहायक का काम करता है. अमरजीत की कमाई कहां से और कितनी होती है, इस बारे में दीपक अपने भाई सौरभ को जानकारी देता था. दोनों के घर आसपास में ही है. सौरभ को किसी दलाल ने बिहार पुलिस में नौकरी दिलाने की बात कही थी. उसके लिए उसे पैसे की जरूरत थी. इसलिए सौरभ ने राकेश व शिवम के साथ मिलकर अमरजीत के बेटे के अपहरण की योजना बनायी.
बच्चे के अपहरण के बाद सौरभ, राकेश व शिवम ने मोबाइल फोन से अमरजीत से सात लाख फिरौती की मांग की, लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे, इसलिए उसने इसकी जानकारी भवानीपुर पुलिस को दे दी. अपहर्ताओं के मोबाइल नंबर के आधार पर ही पुलिस ने मामले का पर्दाफाश किया.
Posted By: Thakur Shaktilochan