भागलपुर: नशीली दवाओं के विरुद्ध भागलपुर पुलिस को मिली इस सफलता को लेकर पुलिस मुख्यालय तक के कान खड़े हो गये हैं. जानकारी के अनुसार मामले में मुख्यालय स्तर पर राज्य के सभी जिलों की पुलिस को नशीली दवाओं के इस अवैध कारोबार के विरुद्ध अभियान चलाने का निर्देश दे सकती है. बताया जा रहा है कि पुलिस की इस कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट के लिये मुख्यालय के अधिकारियों ने भागलपुर एसएसपी से संपर्क साधा है और मामले में फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज की जांच कर रिपोर्ट मांगी है.
भागलपुर पुलिस की इस कार्रवाई में नशे के इस अवैध कारोबार को लेकर अंतर राज्यीय गिरोह के भी शामिल होने का खुलासा हुआ है. जिसमें उत्तर प्रदेश के फैजाबाद और बाराबनकी जेसे जिलों से नशीली दवाओं की इस खेप को मंगाये जाने की जानकारी मिली है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नशीली दवाओं के इस खेप के उत्तर प्रदेश से ट्रांसपोर्ट और कुरियर के माध्यम से भागलपुर पहुंचने की बात सामने आयी है. तो मुंगेर जिला के कुछ थाना क्षेत्राें में इसकी डंपिंग कर वहां से सप्लाई किये जाने की भी जानकारी मिल रही है. हालांकि भागलपुर शहरी क्षेत्र के ट्रांसपोर्ट गोदाम से मिले इस बड़ी खेप के बाद भागलपुर को भी इस अवैध कारोबार और तस्करी का बड़ा सेंटर बताया जा रहा है.
एसएसपी आनंद कुमार ने बताया कि गिरफ्तार कर जेल भेजे गये अभियुक्तों को जरूरत पड़ने पर कोर्ट से रिमांड लिया जायेगा. इस अवैध कारोबार के फॉरवर्ड और बैंकवर्ड लिंकेज की जानकारी ली जायेगी. इसके अलावा मामले में तस्करों और अवैध कारोबारियों को सजा मिले, इसके लिये अभियोजन पदाधिकारियों से विमर्श कर कोर्ट में मामले में स्पीडी ट्रायल चलाने की अर्जी दी जायेगी. एसएसपी ने बताया कि मामले में पुलिस टीम अब भी कुछ ट्रांसपोर्ट के कर्मियों और संचालकों से पूछताछ कर रही है. साक्ष्य और सबूत मिलने के बाद कई अन्य के विरुद्ध भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार करीब ढाई करोड़ रुपये में भागलपुर सहित आसपास के जिलों में खपने वाली नशीले प्रतिबंधित कफ सीरप की बड़ी खेप भागलपुर में बरामद किये जाने के बाद शहर व आसपास के तस्करों और अवैध कारोबारियों में खलबली मच गयी है. बताया जा रहा है कि नशीली दवाओं के कई तस्कर और अवैध कारोबारी शहर छोड़ कर फरार हाे चुके हैं. छोटी मोटी खेप को स्टोर करने वाले कुछ अवैध कारोबारी अब अपनी खेप को उंचे दामों पर बेच कर अधिक मुनाफा कमा रहे हैं.
अवैध नशीले कारोबार का खुलासे के बाद पुलिस को इस अवैध कारोबार से संबंधित कई सूचनाएं मिली हैं. गिरफ्तार अभियुक्तों से हुई पूछताछ में मिली जानकारी के अनुसार तस्करों ओर अवैध कारोबारियों को नशीले कफ सीरप की कीमत 100 से 125 रुपये प्रति बोतल मिलती है. जिसे ये लोग शहर के कुछ लोगों के माध्यम से कई प्वाइंट्स पर पहुंचवाते हैं. जहां से इसे छोटे-छोटे पेडलर अपना मुनाफा रखते हुए 250 से 300 रुपये प्रति बोतल के दर पर नशेड़ियों को बेचते हैं.
इसी तरह से नशीले टैबलेट भी इन तस्करों को 10 से 12 रुपये में मुहैया हो जाता है. जिसे नशेड़ी 100 रुपये की कीमत पर प्रति टैबलेट खरीदते हैं. छोटे बोतल और टैबलेट के पत्तों के छिप जाने की वजह से ये पेडलर आसानी से घूम घूम कर इसका अवैध कारोबार करते हैं.
भागलपुर एसएसपी आनंद कुमार ने बताया कि गुप्त सूचना मिलने और सूचना के सत्यता की पुष्टि के बाद सिटी डीएसपी अजय कुमार चौधरी के नेतृत्व में चार छापेमारी दल का गठन किया गया. इसमें चारों टीमों को अलग अलग इलाकों को लगाया गया. एक तरफ जहां तकनीकी टीम तस्करों और अवैध कारोबारियों का लिंक जोड़ कर सूचनाओं को जुटा रही थी. वहीं तीन टीम इसके लिये शहर सहित जिला के बाहर भी विशेष छापेमारी कर रहे हैं.
एसएसपी ने बताया कि छापेमारी दल में शामिल सभी एसआइ रैंक, एएसआइ रैंक और सिपाही रैंक के पुलिसकर्मियों को वे अपने स्तर पर रिवार्ड प्रदान करेंगे. वहीं सिटी डीएसपी सहित इंस्पेक्टर रैंक के पदाधिकारियों को रिवार्ड देने के लिये प्रस्ताव भेजेंगे.