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डराने लगी बिहार की नदियां, गंगा-कोसी समेत अन्य नदियों में उफान, बाढ़ की चपेट में आए कई इलाके

बिहार में लगातार हो रही बारिश की वजह से नदियां उफनाई हुई है. सूबे की सभी नदियां लाल निशान के पास है. कई नदियों का जलस्तर या तो खतरे के निशान के ऊपर है या तो उसके आस-पास. कोसी-सीमांचल समेत पटना व आसपास की नदियों की जानें ताजा स्थिति..

Bihar Flood Update: नेपाल, उत्तर बिहार, कोशी और सीमांचल के कई जिलों में तीन दिनों से हो रही रुक-रुक कर बारिश के कारण बिहार की कई नदियों में उफान आ गया है. कई जगह नदियां खतरे के निशान को पार कर गयी हैं. सीमांचल के सात जिले और पूर्वी बिहार के तीन जिलों में बाढ़ जैसे हालत हैं. यहां कोशी, गंगा, महानंदा, सौरा सहित कई सहायक नदियों में पानी बढ़ गया है. इसी तरह गोपालगंज और सारण में भी कई नदियों में पानी का बहाव काफी तेज हो गया है. वहीं, सीतामढ़ी व मधुबनी में अधवारा समूह की नदियां भी उफना गयी हैं. पश्चिमी चंपारण के आधा दर्जन प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं. यहां पहाड़ी नदियां, गंडक व सिकरहना का पानी कई गांवों मे फैल गया है. सैकड़ों एकड़ में लगी खड़ी फसलें डूब गयी है

बागमती खतरे के निशान से ऊपर

नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार बारिश से बागमती नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की गयी है. बागमती नदी सोनाखान व डुब्बाघाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. मेजरगंज में रुसुलपुर गांव के तीन वार्डों में कटाव की स्थिति बन गयी है. सुप्पी प्रखंड के निचले क्षेत्रों में पानी का फैलाव हो गया है. उधर, समस्तीपुर के मोहनपुर में गंगा का जलस्तर गुरुवार को सुबह खतरे के निशान को पार कर गया. इसके कारण निचले इलाकों में पानी का फैलाव हो गया है. उधर, झंझारपुर में कमला बलान नदी गुरुवार को भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. हालांकि जलस्तर में कमी आ रही है. बेनीपट्टी में अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में भी लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. उधर, बगहा में गंडक नदी में पानी घटने के साथ ही गंडक दियारा इलाके में कई जगहों पर कटाव शुरू हो गया है. वाल्मीकिनगर प्रतिनिधि के अनुसार गुरुवार को गंडक बराज से 1.64 लाख क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया.

पटना-बक्सर व आसपास गंगा का जलस्तर

मोकामा के हाथीदह में गंगा का वाटर लेवल खतरे के निशान 41.760 मीटर से ऊपर पहुंच गया है. गुरुवार की शाम पांच बजे तक जलस्तर 41.780 मीटर रिकार्ड किया गया. बाढ़ की आशंका पर प्रशासन अलर्ट है. हालांकि शाम के पांच बजे के बाद गंगा का जल स्थिर है. दानापुर में गंगा नदी में लगातार हो रही वृद्धि से दियारा के तटवर्तीय इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. दियारा और गंगा से सटे गांव के लोग अभी से ही बाढ़ की आशंका को लेकर सहम गये हैं. इसी तरह गंगा के जलस्तर में वृद्धि होती रही तो दियारे के पानापुर व हेतनपुर में सोन सोता के जरिये गंगा का पानी घुस जायेगा. गुरुवार को बाढ़ नियंत्रण द्वारा देवनानाला पर 164 फुट गंगा का जलस्तर नापा गया. जबकि खतरे के निशान से मात्र तीन फुट नीचे बह रहा है. खतरे का निशान 167 फुट है. बक्सर में गंगा का जल स्तर घटने लगा है. घटने का सिलसिला बुधवार की शाम से ही जारी है. अभी दो सेंमी़ प्रति घंटा की रफ्तार से गंगा का जलस्तर घट रहा है. केंद्रीय जल आयोग के कार्यालय के अनुसार गुरुवार की सुबह आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 58.45 मीटर दर्ज किया गया. बक्सर में गंगा का वार्निंग लेबल 59.32 मीटर है. जबकि डेंजर लेवल 60.32 मीटर है. 

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मुजफ्फरपुर में नदियों का हाल

मुजफ्फरपुर में बागमती कटौझा में खतरे के निशान से 1.85 मीटर ऊपर बह रही है. वहीं 24 घंटे में बूढ़ी गंडक के पानी में 36 सेमी का इजाफा हुआ है. गंडक नदी खतरे के निशान से 46 सेमी नीचे है. इससे निचले इलाके में रहने वाले लोग दहशत में हैं. औराई व कटरा कई पंचायत पानी से घिरे हैं. जलस्तर में वृद्धि से औराई व कटरा के बाढ़ प्रभावित इलाके में हड़कंप की स्थिति है. 

चंपारण में नदियों का हाल

बगहा में गुरुवार को गंडक बराज से पानी का डिस्चार्ज कम होने के कारण दियावर्ती क्षेत्र झखनही, प्रेमही, सोनबरसा, करहिया बसौली, लेदीहरवा से पानी का जलस्तर घट रहा है. जिससे किसान राहत की सांस ले रहे हैं. वहीं नदी के जलस्तर में लगातार गिरावट होने के बाद अब कटाव का खतरा बढ़ गया है.बेतिया के योगापट्टी में नवलपुर माई स्थान के पास राज्य राजमार्ग पर पुल निर्माण कार्य चल रहा है, जहां यात्रियों के आवागमन की सुविधा के लिए पुल निर्माण कर रहे एजेंसी द्वारा संपर्क पथ बनाया गया था, जो बुधवार की जोरों की बारिश में विलीन हो गया. जिसके चलते पूर्णरूप से आवागमन बंद हो गया. इससे नवलपुर सहित कई गांवों का संपर्क भंग हो गया है.

कोसी-सीमांचल का हाल

कटिहार जिले के सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में तीसरे दिन गुरुवार को वृद्धि दर्ज की गयी है. हालांकि महानन्दा नदी के जलस्तर में गुरुवार को कमी दर्ज की गयी है.महानंदा नदी का जलस्तर अधिकांश स्थानों पर चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही है. हालांकि इस नदी के घटते-बढ़ते जलस्तर से कई क्षेत्रों में कटाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. दूसरी तरफ गंगा, कोसी, बरंडी व कारी कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है. इन सभी प्रमुख नदियों का जलस्तर भी चेतावनी स्तर से ऊपर हो चुकी है. कोसी नदी का जलस्तर दो लाख क्यूसेक पार जाते ही बुधवार को फिर से सहरसा में तटबंध के अंदर कई गांव बाढ़ के पानी में घिर गए. कई संपर्क पथ पर बाढ़ का पानी आ जाने से यातायात प्रभावित हो रहा है. 

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