बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है. भागलपुर व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता सह विशेष लोक उत्पाद भोला कुमार मंडल ने प्रभात खबर कार्यालय में की काउंसेलिंग के तहत बिहार मद्य निषेध उत्पाद अधिनियम से संबंधित धाराओं के तहत होने वाले सजा के बारे में जानकारी दी.
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बिहार मद्य निषेध उत्पाद अधिनियम की धारा 30 ए की धारा में कितनी सजा का प्रावधान है.
– बिहार मद्य निषेध अधिनियम की धारा 30 ए में कम से कम पांच साल की सजा का प्रावधान है. और अधिक से अधिक आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है.
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उत्पाद अधिनियम की धारा 37 ए, बी व सी क्या है?
– उत्पाद अधिनियम की धारा 37 ए, बी व धारा सी में धारा ए और बी जमानतीय धारा है और धारा सी गैरजमानतीय धारा है.
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पूर्ण शराबबंदी के कानून में क्या बदलाव किये गये?
– सरकार के पूर्ण शराबबंदी कानून में कुछ बदलाव किये, जो एक अप्रैल 2022 से लागू किये गये. जिसमें शराबबंदी कानून लागू करने के समय उत्पाद धारा 37 ए, बी और सी जो धाराएं थी वह धारा 37 हो गयी. जिसमें शराब पीने पर पकड़े जाने पर दो से पांच हजार रुपये का जुर्माना और तीस दिनों के कारावास की सजा है. अगर वहीं व्यक्ति व्यक्ति दूसरी बार शराब पीते पकड़ा गया, तो एक साल के कारावास की सजा का प्रावधान है.
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अभी उत्पाद संबंधी मामले की सुनवाई के लिए कितनी अदालत हैं?
– अभी उत्पाद संबंधी मामले की सुनवाई एडीजे नौ के विशेष न्यायाधीश उत्पाद और एडीजे 12 की अदालत में चल रहा है.
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अगर किसी के निजी घर व व्यावसायिक प्रतिष्ठान में शराब की बरामदगी होती है, तो क्या होगा?
– अगर किसी निजी घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और वाहनों में शराब की बरामदगी होने पर वाहन की नीलामी शराब बरामदगी वाले निजी और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के अधिग्रहण के लिए संबंधित थाना द्वारा जिला प्रशासन को पत्र लिखा जायेगा.