बिहार: भागलपुर के बड़ी खंजरपुर स्थित पर्यवेक्षण गृह (रिमांड होम) में बंद विधि विरुद्ध किशोर की मौत मामले में मृतक के भाई ने विगत 27 जून को संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत मामले में पत्राचार किया है. घटना को लेकर रिमांड होम प्रबंधन पर संगीन आरोप लगाते हुए मृतक के भाई ने केंद्रीय व राज्यस्तरीय मानवाधिकार आयोग, बाल आयोग और पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्षों को पत्र लिख कर मामले में उचित जांच कर न्याय संगत कार्रवाई की मांग की है.
साथ प्रशासनिक स्तर और पुलिस स्तर पर हुई जांच को लेकर भी सवाल उठाया है. पत्र में मृत किशोर के भाई ने लिखा है कि विगत 23 जून को मद्य निषेध और उत्पाद की धाराओं में केस दर्ज किया गया था. वहीं किशोर होने की वजह से उनके भाई को 24 जून को जुवेनाइल होम/जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया था. जिसके बाद वह और परिवार के अन्य लोग भाई से मिलने के लिए 27 जून को पर्यवेक्षण गृह गये थे. उसी दिन हुई मुलाकात में उसके भाई ने बताया था कि वहां उससे खाना बनाने के लिए प्रयोग में लाये जाने वाले बड़े-बड़े बर्तन मंजवाये जाते हैं, साथ ही वहां के कुछ लड़के उससे पैर-हाथ दबवाते हैं और मारपीट करते हैं.
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इस बात की शिकायत जब उन्हाेंने वार्डन से करनी चाही तो उन लोगों ने मिलने से इंकार कर दिया. भाई से बात कर जब वे लोग वापस आ रहे थे तो वहां रहने वाले कुछ लड़कों ने उनके भाई को बुरा अंजाम भुगतने की धमकी भी दी थी. आवेदक ने मामले में आरोप लगाते हुए लिखा है कि रिमांड होम परिसर में ही उनके भाई की साजिश के तहत हत्या की गयी है. मामले को छिपाने के लिए प्रबंधन मामले पर कुछ भी बाेलने से इंकार कर रहा है.