अब हम ट्रेन में नहीं जायेंगे, अपनी अम्मी के पास ही रहेंगे. हमें जल्दी से घर जाना है. बच्चों की जुबान से ये शब्द सुन लोगों के रोंगटे खड़े हो गये. इतने से ही बच्चों के अंदर बालासोर रेल हादसे के खौफ का अंदाजा लगाया जा सकता है. भागलपुर पहुंचे छोटे बच्चों की आंखों में हादसे का खौफनाक मंजर साफ दिखा. कुछ बच्चे तो नाश्ता भी सही से नहीं कर रहे थे. ओडिसा के बालासोर जिले में शुक्रवार की देर शाम ट्रेन दुर्घटना में घायल और बचे अररिया, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, दरभंगा व किशनगंज के 40 यात्री रविवार को दिन के ढाई बजे बालासोर से भागलपुर पहुंचे. बालासोर जिला प्रशासन के दो कर्मी बस के साथ आये.
मोटर यान निरीक्षक अनिल कुमार के निर्देश पर परिवहन विभाग के कांस्टेबल और कर्मी पहले से समाहरण परिसर में तैनात थे. कुछ कर्मी बाइपास से बस को रास्ता दिखाते हुए यहां आये. इन 40 रेल यात्रियों में आठ साल के बच्चों के साथ ही 20 साल के युवक-युवतियों की संख्या अधिक थी. बस से आये टोटल यात्रियों में अररिया के 24, किशनगंज के 02, समस्तीपुर के 03, दरभंगा के 09 और सीतामढ़ी के दो बच्चे थे. रेल यात्रियों को समीक्षा भवन में सदर एसडीओ धनंजय कुमार, आपदा प्रभारी विकास कुमार कर्ण ने अपने सामने नाश्ता और खाना खिलाया.
भागलपुर आने पर बस यात्रियों को परिवहन विभाग की ओर से नाश्ता और जिला प्रशासन की ओर से खाना दिया गया. रविवार की सुबह से यात्रियों ने खाना नहीं खाया था. उसके बाद इन्हें मेडिकल चेकअप के बाद जिला परिवहन विभाग की ओर से मुहैया कराये गये एसी बस से उनके घर की ओर रवाना कर दिया गया. उसके बाद बालासोर जिला प्रशासन के दो कर्मी धनंजय साहू और समन्वय मोहंती बस के साथ बालासोर वापस चले गये. बालासोर से बस में इन यात्रियों को लेकर आये चालक विकास कुमार नाग व रविंद्र ने बताया कि शनिवार की शाम छह बजे भागलपुर के लिए चले थे. वहीं बालासोर प्रशासन की ओर आये कर्मी ने बताया कि रात को यात्रियों को खाना खिलाया गया था. रात को कहीं भी रुके नहीं, सोचा जल्दी से भागलपुर पहुंच जाये. रास्ते में दो से तीन बार बस खराब हो गयी थी. परिवहन विभाग के कांस्टेबल सत्यम कुमार, विभाष कुमार झा, विभाग का चालक शेरू सहित विभाग के कर्मी मौजूद थे.
भागलपुर आये अररिया के रहने वाले आशीफ और मो. आकिब ने बताया रात लगभग 6:50 बजे बोगी में एकाएक झटका लगा और बोगी पलटी मार गयी. हमलोग सीट से नीचे गिरने लगे. बोगी दो से तीन बार पलटी. हमलोग स्लीपर बोगी में थे. बोगी में बीस से 25 मिनट तक फंसे रहे. बोगी पलटी तो लगा कि बच नहीं पायेंगे. लेकिन शुक्र है अल्लाह का, जिन्होंने हम सब को बचा लिया.
अररिया के रहने वाले इम्तियाज भाई जिन्हें छाती और पीठ में चोट लगी है ये बच्चों को केरल के सीबीएसइ स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को केरल ले जा रहे थे, कुछ बच्चों को एडमिशन भी कराना था. बच्चों में अफसरीन, फरहा परवीन, मजिया, सुमैया सभी कक्षा पांच, तीन, दस सहित अन्य वर्ग में पढ़ते थे. मो. आकिब ने बताया कि हमलोग अररिया से ट्रेन से कोलकाता आये. कोलकाता से बस से शालीमार आये और वहां से कोरोमंडल एक्सप्रेस से केरल जा रहे थे.
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सीतामढ़ी के रहने वाले संजीव कुमार और उनकी पत्नी कंचन कुमारी भी अपने घर लौट रही है. संजीव ने बताया कि वह पत्नी के साथ पूरी दर्शन के लिए जा रहे थे. अब घर लौट रहे हैं, भगवान का लाख शुक्र है जो हमलोगों को बचा लिया. वहीं वहीं दरभंगा के विरौल थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव के रहने वाले सुरेश पासवान जिन्हें पैर में चोट लगी हैं अपने कुछ साथी के साथ चेन्नई के एक शू-कंपनी में काम के लिए जा रहे थे. अब ये लोग अपने घर लौट रहे हैं.