बिहार में मच्छरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा. पटना के बाद अब भागलपुर में भी डेंगू पांव पसार रहा है. भागलपुर में पिछले दिनों डेंगू के कई मामले सामने आ चुके हैं. दारोगा से लेकर डॉक्टर तक इसकी चपेट में पड़ चुके हैं. शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मायागंज स्थित JLNMCH के डेंगू वार्ड में अबतक एक दर्जन से अधिक मरीज भर्ती हो चुके हैं. इनमें कई अपने घर भी जा चुके हैं. जबकि कई भर्ती हैं.
डेंगू की चपेट में लोग आए दिन पड़ रहे हैं. भागलपुर व सीमांचल क्षेत्र में भी डेंगू का भय है. भागलपुर के पुलिस जिला नवगछिया में तैनात दारोगा व सबौर के डॉक्टर समेत चार लोग हाल में ही डेंगू से पीड़ित पाये गये. इन मरीजों को डेंगू पॉजिटिव पाए जाने के बाद शहर के मायागंज अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर् कराया गया. जानकारी के अनुसार नवगछिया में तैनात 46 वर्षीय दारोगा व सबौर के एक सरकारी अस्पताल में तैनात 55 वर्षीय डॉक्टर को बुखार होने की शिकायत हुई, तो दोनों का रविवार को तिलकामांझी स्थित एक निजी लैब में डेंगू की जांच की गयी. इसमें दोनों डेंगू पॉजिटिव पाये गये. इसके बाद दोनों लोग अपने-अपने घर चले गये.
भागलपुर के मायागंज अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक ने बताया कि रविवार को एमसीएच बिल्डिंग में बने डेंगू वार्ड में दो डेंगू के मरीज भर्ती हुए, वहीं यहां पर भर्ती दो मरीज को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया. इसके साथ ही डेंगू वार्ड में भर्ती मरीजों का आंकड़ा 12 रहा था. भर्ती मरीजों में एक किशोर व एक युवक है. वहीं, फागिंग व लार्वा नष्ट करने के लिए टेमीफास का छिड़काव शहर में उतनी गंभीरता से अभी भी नहीं हो रहा.
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भागलपुर में सोमवार को शहरी क्षेत्र में डेंगू के दो मरीज मिले. इनमें से एक तिलकामांझी व दूसरा मायागंज मोहल्ला निवासी है. मायागंज अस्पताल के हॉस्पिटल मैनेजर सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि जांच में मायागंज मोहल्ला निवासी 30 वर्षीय युवक व तिलकामांझी निवासी 32 साल युवक डेंगू जांच में पॉजिटिव पाया गया. दोनों को इलाज के लिए अस्पताल परिसर स्थित एमसीएच बिल्डिंग में बने डेंगू वार्ड में भर्ती करा दिया गया है. 31 बेड वाले इस डेंगू वार्ड में अब कुल भर्ती मरीजों का आंकड़ा बढ़ कर 14 पर पहुंच गया है.भागलपुर के सदर अस्पताल में डेंगू के बढ़ते मामले को देखते हुए 10 बेड भी तैयार कर लिए गए. हालांकि यहां अभी मरीज भर्ती नहीं हुए हैं. जिन मरीजों का प्लेटलेट्स एक लाख से अधिक है उन्हीं मरीजों को यहां भर्ती किया जाएगा. 20 हजार से कम प्लेटलेट्स वाले मरीज को JLNMCH रेफर किया जाएगा. बता दें कि सदर अस्पताल में अभी प्लेटलेट्स की सुविधा नहीं है. वहीं JLNMCH में अगर हालात बिगड़ते दिखे तो बेड की संख्या को बढ़ाया भी जाएगा.
बता दें कि सीमांचल क्षेत्र में भी डेंगू का कहर देखने को मिला है. कटिहार के कोढ़ा प्रखंड में डेंगू मच्छरों का आतंक दिखा. पुलिस महकमे में तब इसका खौफ फैल गया जब थाना के एक चालक की मौत हो गयी. चालक पप्पू कुमार यादव डेंगू पॉजिटिव पाए गए थे और इलाज के क्रम में उन्होंने दम तोड़ दिया. वहीं सर्किल इंस्पेक्टर के रीडर और महिला सिपाही भी डेंगू की चपेट में पड़कर अस्पताल में भर्ती हो गयी.
चिकित्सक बताते हैं कि बारिश के मौसम में अक्सर मच्छरों से होने वाली बीमारी तेजी से बढ़ती है. अगर इन दिनों आप बुखार की चपेट में पड़ते हैं तो इसे सामान्य बुखार मानकर नजरअंदाज बिल्कुल नहीं करें. इसकी फौरन आप जांच कराएं. डेंगू को आम वायरल फीवर समझने की भूल भारी पड़ सकती है. वायरल बुखार तीन से पांच दिनों तक रहता है और इसमें ठंड लगना और शरीर दर्द सामान्य लक्षण हैं. ये बुखार तेजी से उतर भी जात है. लेकिन डेंगू का बुखार बेहद जटिल है. यह एडीज इजिप्टी (टाइगर मच्छर) की वजह से फैलता है. ऐसे मच्छर काली और पीली धारियों वाले होते हैं और आमतौर पर सुबह या भोर में काटते हैं. इनका वायरस सफेद रक्त कोसिका में प्रवेश करके प्रजनन करता है. डेंगू में तेज बुखार के साथ ठंड, जोड़ व मांसपेशी में दर्द, स्कीन पर लाल रंग का रैशेस पड़ जाना, बदन दर्द, सिरदर्द जो आंखों के उपरी हिस्से में अधिक हो, जैसे लक्षण होते हैं. अगर नाक, मुंह और मसूढ़ों या आंतरिक अंगों से खून जाने लगे या सांस लेने में दिक्कत लगे तो समझ जाना चाहिए कि डेंगू गंभीर व खतरनाक रूप ले रहा है.