भागलपुर जिले के मुरली गांव में एक नाबालिग की शादी रुकवाना युवक को महंगा पड़ गया. गांव में हुई पंचायती में युवक पर 3,11,001 रुपये का जुर्माना लगाया गया. युवक जुर्माने का भुगतान करना भी स्वीकार कर लिया. युवक चंद्रखरा गांव निवासी है. जानकारी मिली है कि एक फरवरी को मुरली गांव में एक शादी होनी थी, जिसमें बात सामने आयी कि लड़की नाबालिग है. बारात आ गयी थी, कुछ देर में ही शादी हो जाती. लेकिन युवक ने इसकी सूचना 112 नंबर पर दे दी. इसके बाद पुलिस पहुंची. पुलिस द्वारा लड़की को नाबालिग पाते हुए शादी को रोक दी गयी. बरात लौट गयी.
शादी रुकने के बाद अगली सुबह गांव में पंचायती बुलायी गयी. पंचायत ने माना कि गलती युवक की है, जिसने पुलिस को सूचना दी. शादी नहीं हुई और लड़की के पिता द्वारा किया गया इंतजाम बर्बाद चला गया. जिससे लड़की के पिता को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा. जिसका हर्जाना युवक को देना चाहिए. पंचायती के निर्णय के बाद युवक ने भी मौके पर अपनी गलती को स्वीकार किया और रकम दे देने की सहमति दी.
युवक द्वारा जुर्माना देने की बात स्वीकार किए जाने के बाद एक इकरारनामा प्रपत्र तैयार किया गया. जिसमें उसने कहा कि वह पांच फरवरी तक 3,11,001 रुपये सरपंच के पास जमा कर देगा. अगर वह देने में विफल रहा, तो वह 4,51,001 रुपये देगा. युवक ने यह भी स्वीकार किया है कि रकम नहीं देने पर उस पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है. इकरारनामे पर सरपंच इरशाद आलम समेत अन्य ग्रामीण पांचों और दोनों पक्ष के लोगों का हस्ताक्षर है.
सरपंच मो इरशाद आलम ने कहा कि पंचायती में अधिकांश लोगों ने युवक की गलती होने की बात कही, जिसे उसने स्वीकार भी किया. सरपंच ने कहा कि निःसंदेह लड़की के पिता को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा. सरपंच ने इस बात को भी स्वीकार किया है कि लड़की नाबालिग थी.