Bihar News: भागलपुर में एक हैरान करने वाला मामला बीते गुरुवार को महिला थाने में आया. एक लड़की थाने में फरियाद लेकर आयी कि उसके लिए अभी घर में गलत फैसला लिया गया है. उसने बीएससी नर्सिंग की परीक्षा निकाल ली थी और अभी अपना करियर बनाना चाहती है. पूरा मामला ही कुछ ऐसा था कि परिजनों को भी थाना पहुंचना पड़ा. बात कहां पर जाकर खत्म हुई और क्या समाधान निकाला गया. पढ़िए इस रिपोर्ट में..
कहलगांव की रहने वाली एक युवती गुरुवार शाम महिला थाना पहुंच गयी. उसने महिला थाना प्रभारी से मिल कर बताया कि वह शादी नहीं करना चाहती है, वह अपनी आगे की पढ़ाई कर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है. पर उसके माता-पिता ने शादी करवाना चाहते हैं. 13 मई को उसकी शादी करा दी जायेगी. उसे किसी तरह इससे बचा लें. यह सुनते ही महिला थाना प्रभारी एसआइ नीता कुमारी ने युवती के पिता का नंबर लिया और कॉल कर उन्हें भागलपुर बुलाया.
Also Read: लव जिहाद: धर्म परिवर्तन, निकाह और फिर फरार, दुबई से पति को ढूंढते बिहार पहुंची प्रीति हकीकत जान रह गयी दंग
भागलपुर स्थित महिला थाना पहुंचते ही वहां युवती और उसके परिजनों को समझाने का प्रयास किया गया. युवती अपने पिता से हाथ जोड़ गुहार लगाती रह गयी कि ‘पापा मेरी शादी मत कराओ, मैं पढ़ाई कर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हूं.’ इधर युवती के पिता ने एक न सुनी और शादी कराने की जिद पर अड़े रहे. आखिरकार महिला थाना प्रभारी को सख्त रुख अपनाना पड़ा. युवती और उसके पिता से पीआर बांड भरवा कर युवती को उसके परिजनों को सौंप दिया.
मामला कहलगांव क्षेत्र का है. युवती ने बताया कि विगत वर्ष उसने बीएससी नर्सिंग की परीक्षा निकाल ली थी और उसके पिता उसका दाखिला कराने के लिए पैसे भी जोड़ चुके थे. पर अचानक उनके माता-पिता का फैसला बदल गया और उसकी शादी के लिए लड़का ढूंढना शुरू कर दिया. देखते ही देखते शादी तय हो गयी. और 13 मई को शादी की तिथि भी निर्धारित हो गयी. उसने काफी सोच समझ कर महिला थाना आने का फैसला लिया और पुलिस से उसकी शादी को रुकवाने की गुहार लगायी.
देर शाम महिला थाना पहुंचे युवती के पिता ने बताया कि शादी तय हो चुकी है और उनकी बेटी का लगन भी हो चुका है. शादी के कार्ड बंट गये और घर पर शादी की तैयारी को लेकर गेस्ट भी पहुंच चुके हैं. ऐसे में शादी रुकवाने का मतलब है पूरे परिवार की बेइज्जती करना. इसके बाद कौन उनकी बेटी से शादी करेगा. महिला थाना प्रभारी एसआइ नीता कुमारी ने बताया कि युवती और उसके पिता को काफी समझा बुझा कर युवती के इच्छा के मुताबिक ही फैसला लेने को कहा गया है. युवती को उसके परिजनों के साथ भेज दिया गया.