लोकसभा में फिर एक बार ऐतिहासिक विक्रमशिला विश्वविद्यालय का मुद्दा उठा. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सदन में इससे जुड़े मुद्दे को उठाया. झारखंड के गोड्डा का प्रतिनिधित्व करने वाले निशिकांत दुबे ने पर्यटन और रेल की बात रखते हुए सवाल किये. उन्होंने विक्रमशिला विश्वविद्यालय के लिए रेल लाइन नहीं होने की बात कही और सुझाव दिये. साथ ही कहा कि वो लंबे समय से इसके पुनर्स्थापना का इंतजार कर रहे हैं और जब से सांसद बने है तब से इसके लिए प्रयासरत हैं.
भागलपुर में विक्रमशिला विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक स्थल के ठीक बगल में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका एलान किया था. केंद्र सरकार के द्वारा राशि आवंटित किये जाने के बाद भी अभी तक ये मूर्त रूप नहीं ले सका है. झारखंड के गोड्डा से भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने सदन में इससे जुड़े मुद्दों को उठाया. सांसद ने बताया कि वो सांसद गोड्डा के हैं लेकिन उनका गांव वही क्षेत्र है जहां विक्रमशिला है. बताया कि वो आज भी वहीं के वोटर हैं.
निशिकांत दुबे ने बताया कि विक्रमशिला वो जगह है जिसने इस दुनिया को पहला वाइस चांसलर दिया. भगवान अतीश दीपाकंर इस दुनिया के पहले कुलपति हुए. सांसद ने कहा कि हमारा ये विश्वविद्यालय तब जला जब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी 1189 में बना. बख्तियार खिलजी ने उस साल इसे जलाया लेकिन विक्रमशिला जाने के लिए आज रेल नहीं है. पहले रेल चलती थी लेकिन आज नहीं है. पर्यटन के बारे में सरकार के प्लान को लेकर सांसद ने इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने ट्वीटर पर इसे साझा भी किया है.
माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी के कारण रेलवे में हुए सार्थक परिवर्तन,पर्यटन विकास,विक्रमशिला विश्वविद्यालय,पारसनाथ व रेलवे के भविष्य पर सुझाव @AshwiniVaishnaw @EasternRailway @kishanreddybjp @MinOfCultureGoI @PMOIndia pic.twitter.com/yYYXwGXrQ6
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) March 20, 2022
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बता दें कि विक्रमशिला विश्वविद्यालय के पुनर्स्थापना को लेकर सांसद निशिकांत दुबे लगातार प्रयासरत रहे हैं. उनके प्रयास के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी अप्रैल 2017 में यहां पहुंचे थे और अपनी कसक बयां करते हुए महामहिम ने कहा था कि इस स्थल की महत्ता के अनुसार इसका अपेक्षित विकास नहीं हो सका. उन्होंने अपनी इच्छा जाहिर करते हुए विक्रमशिला के विकसित होने के लिए प्रयास करने की बात कही थी.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan