जेल में सजा के दौरान अच्छा आचरण रख 20 वर्षों की सजा पूरा करने वाले भागलपुर की जेल में बंद पांच बंदियों को मंगलवार को रिहा किया गया. राज्य दंडादेश परिहार पर्षद की अनुशंसा पर असमय मुक्ति प्रस्ताव के तहत इन बंदियों को रिहा किया गया. विशेष केंद्रीय कारा (कैंप जेल) प्रबंधन की ओर से ऐसे 70 बंदियों के नाम की अनुशंसा राज्य सरकार से की गयी थी. इस पर राज्य सरकार की ओर से कुल सात बंदियों के नाम पर मुहर लगायी गयी.
दो बंदियों द्वारा न्यायालय में अर्थदंड की राशि जमा नहीं कराये जाने की वजह से उन्हें मंगलवार को रिहा नहीं किया गया. अर्थदंड का भुगतान करने के बाद उक्त दोनों बंदियों को भी छोड़ दिया जायेगा. रिहा किये गये बंदियों में कुछ भागलपुर दंगा कांड के भी सजावार बंदी शामिल हैं. उनके जेल से बाहर आने को लेकर विहिप के लोग भी उनके स्वागत को मंगलवार शाम कैंप जेल के गेट पर पहुंचे. विहिप के सदस्यों ने हरविंद नारायण भारती के नेतृत्व में जेल के गेट पर सबका स्वागत किया. इस दौरान वहां माहौल काफी खुशनुमा था.
कैंप जेल अधीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि असमय मुक्ति प्रस्ताव के तहत विगत दिनों राज्य सरकार और राज्य दंडादेश परिहार पर्षद को कैंप जेल में अच्छा आचरण रखने वाले 20 वर्ष की सजा पूरी करने वाले कुल 70 बंदियों की सूची भेजी गयी थी. उक्त प्रस्ताव के आलोक में राज्य सरकार की ओर से सात बंदियों को रिहा करने पर सहमति बनी. राज्य सरकार की ओर से आदेश प्राप्त करने के बाद मंगलवार शाम सात बंदियों में से पांच बंदियों को रिहा कर दिया गया.
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अधीक्षक ने बताया कि वे खुद उक्त पांचों बंदियों को गेट तक छोड़ने पहुंचे थे. रिहा होने वाले पांचों बंदियों को उनके भविष्य के लिए शुभकामना भी दी. उन्होंने बताया कि रिहा किये गये पांच बंदियों में से चार बंदी 80 वर्ष से अधिक आयु के हैं. उनके परिवार के लोगों से उन सभी बंदियों का खास ख्याल रखने की भी अपील की.
जिन लोगों के नाम पर स्वीकृति मिली उनमें सरयुग प्रसाद सिंह, ठाकुर पासवान, नरेश मंडल, प्रभाष मंडल, अर्जुन मंडल, सुभाष मिश्रा और मंगनु सहनी शामिल हैं. सुभाष मिश्रा और मंगनु सहनी द्वारा अर्थदंड का भुगतान नहीं किये जाने की वजह से उनकी रिहाई अभी नहीं की गयी है. जल्द ही उन्हें भी रिहा कर दिया जायेगा. इसे लेकर तैयारी की जा रही है.
मिली जानकारी के अनुसार राज्य भर के एक दर्जन से भी अधिक जेलों से असमय मुक्ति प्रस्ताव के लिये सौ से भी अधिक लोगों के नाम का प्रस्ताव राज्य दंडादेश परिहार पर्षद को भेजा गया था. सैकड़ों नाम के प्रस्ताव में से पूरे राज्य में महज 11 बंदियों के नाम का चयन किया गया. इनमें से सात बंदी भागलपुर विशेष केंद्रीय कारा (कैंप जेल) के ही थे. इधर शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा (भागलपुर सेंट्रल जेल) के अधीक्षक संजय कुमार चौधरी ने बताया कि उनके जेल से किसी के भी नाम का प्रस्ताव नहीं भेजा गया था.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan