सावन की पहली सोमवारी को लेकर रविवार को कांवरियों की भीड़ देखी गयी. रविवार को खास कर डाकबम की काफी भीड़ सुलतानगंज में रही. डाक प्रमाणपत्र सुलभता से डाकबम को प्रदान किया गया. मेला में अधिकारी मुस्तैद दिखे. रविवार को 59 महिला व 3029 पुरुष कुल 3088 डाक बम प्रमाण पत्र लेकर बाबाधाम रवाना हुए.
कई डाकबम ने बताया कि प्रमाण पत्र लेकर क्या करेंगे, जब बाबा मंदिर में कोई सुविधा ही नहीं मिलती है. कई डाकबम बिना प्रमाण पत्र के ही बाबाधाम रवाना हुए. साधारण कांवरिया की संख्या सरकारी आंकड़ा के अनुसार 32545 दर्ज किया गया. जो शाम चार बजे तक है. कांवरियों का अनवरत आगमन व प्रस्थान जारी है. लगभग 50 हजार कांवरिया गंगा जल लेकर बाबाधाम रविवार प्रस्थान किये. पूरी अजगैवीनगरी केसरियामय हो गयी है.
रविवार को खासकर डाकबम को लेकर जहाज घाट, सीढ़ी घाट पर भीड़ देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था का खास इंतजाम था. नियंत्रण कक्ष से लगातार ध्वनि विस्तारक यंत्र से सूचना आदान-प्रदान कर कांवरियों को सुविधाओं के बारे में सूचना प्रसारित किया जा रहा था. अधिकारी रविवार को मेला क्षेत्र का लगातार निगरानी कर विधि-व्यवस्था का जायजा ले रहे थे.
कटक, ओडिसा के कांवरियों का जत्था राजस्थानी पगड़ी पहने व राजस्थानी नृत्य करते रविवार को गंगा जल भर देवघर प्रस्थान किये. कांवरिया नाचते गाते बाबा की भक्ति में लीन दिखे. कांवरिया ने बताया कि बाबा की यात्रा में नृत्य की महत्ता काफी है. बाबा भोले को नृत्य बहुत ही प्रिय है. कटक के कांवरिया डफली के साथ नृत्य करते बाबाधाम रवाना हुए. आकर्षक नृत्य देखने रास्ते में लोगों की काफी भीड़ देखी गयी.
धनबाद की रेणु डाक बम 25 वर्षों से कृष्णा बम के साथ चलती थी. कई डाक कांवरिया उनके चरण छूकर आशीर्वाद लिया. धनबाद की डाक बम रेणु देवी ने बताया कि 18 घंटे में बाबा पर जलार्पण करते हैं. रविवार पुलिस पूरी तरह मुस्तैद दिखी.
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अजगैवीनाथ मंदिर की ओर से गंगा की महाआरती सालों भर की जा रही है. सावन में गंगा की महाआरती देखने के लिए रविवार को काफी संख्या में कांवरिया थे. स्थानापति महंत प्रेमानंद गिरि ने बताया कि अजगैवीनाथ मंदिर की ओर से सालों भर 365 दिन गंगा की महाआरती की जाती है. सावन में मंदिर में महा भंडारा होता है. मंदिर आने वाले कोई भूखा नहीं जाता है. जो भी भक्त मंदिर पहुंचते हैं, उन्हें भोजन मिलता है. महा भंडारा में प्रसाद दिया जाता है. महा भंडारा को लेकर व्यापक तैयारी की जाती है. जिला प्रशासन की ओर से जह्नावी गंगा महाआरती सभा के संयोजक संजीव झा के नेतृत्व में पंडित ने महाआरती की.