विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला के लिए कार्य का डेडलाइन गुरूवार को समाप्त हो गया. बताते चले कि डीएम की बैठक मे कार्य पूरा करने के लिए 30 जून तक का समय सीमा तय किया गया था. गुरूवार तक कार्य सभी विभाग का जमीनी स्तर पर आधा अधूरा ही है. कोई विभाग का कार्य अब तक पूरा नही हो पाया है.
मेला शुरू होने मे 13 दिन शेष है. कांवरियो का चलना अभी से शुरू हो गया है. बावजूद शहर के मुख्य कांवरिया पथ एनएच 80 पर बड़े बड़े गड्ढे से कई वाहन गुरूवार को भी पलटते पलटते बच गये. पैदल चलने मे भी परेशानी हो रही है. बावजूद विभाग कार्य शुरू नही किया है. मेला को लेकर मुकम्मल तैयारी की जरूरत है.
मुंगेर-सुलतानगंज मुख्य मार्ग पर गनगनिया- फतेहपुर के समीप एक छोटी पुलिया भी काफी जर्जर हो चुकी है. गनगनिया समीप पुलिया का रेलिंग लंबे समय से जर्जर हालत में है. जिससे दुर्घटना की संभावना हर दिन बनती है. प्रखंड क्षेत्र के कई जगह सड़क मार्ग में बड़े-बड़े गड्ढे मे जलजमाव होने से परेशानी हो रही है. मरम्मत की जरूरत है. जो अब तक नही हो पाया है.
पीएचईडी विभाग का काम भी आधा अधूरा है. पीएचइडी विभाग के द्वारा शौचालय,पेयजल व झरना आदि का इंतजाम करना है. लेकिन पूरा कार्य अब तक नही हो पाया है. युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है. बताया गया कि लगभग 90% काम हो चुका है. बाकी बचा कम जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा. सूबे के पीएचईडी विभाग के मंत्री रामप्रीत पासवान ने बताया कि कार्य हर हाल मे समय से पूरा करने का निर्देश दिया गया है. कांवरियो को पूरी सुविधा देने के लिए विभाग तत्पर है. कांवरियो को बेहतर सुविधा मेला मे मिलेगा. जिसके लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है.
बता दें कि सावन 2022 का महीना सिर पर है. बिहार के भागलपुर जिला स्थित सुलतानगंज से गंगाजल लेकर कांवरियों का जत्था फिर एकबार झारखंड के देवघर स्थित बाबाधाम की ओर निकलेगा. कांवरिया पथ पर तमाम सुविधाओं पर सरकारी कार्य जारी है. वहीं सुलतानगंज में उत्तरवाहिनी गंगा के घाटों को दुरुस्त करने के लिए भी जरुरी तैयारियां की जा रही है.
बाबानगरी देवघर में ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ की पूजा करने के लिए इस बार कांवरिया अधिक संख्या में हाजिरी दे सकते हैं. पिछले दो सालों से कोरोनाकाल में कांवर यात्रा पर रोक लगा था. इस बार जब अनुमति दी गयी है तो कई शिवभक्त सुल्तानगंज से जल भरकर कांवर यात्रा करेंगे, ऐसा अनुमान है.
Published By: Thakur Shaktilochan