सिल्क सिटी भागलपुर की हवा की सेहत गुरुवार को काफी खराब हो गयी. हवा का प्रदूषण स्तर गंभीर स्थिति तक पहुंच गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक से शहर की आबोहवा 17 गुने अधिक प्रदूषित रही. इसका मुख्य कारण हवा में धूल के सूक्ष्म कण की बहुतायत रही. हवा का पीएम 2.5 यानी हवा में 2.5 माइक्रोमीटर के धूल कण की मात्रा 521 प्वाइंट तक पहुंच गयी. सबसे अधिक प्रदूषित इलाका मायागंज रहा.
वहीं कचहरी चौक, तुलसीनगर, स्टेशन चौक, डिक्शन मोड़ व तिलकामांझी इलाका काफी प्रदूषित रहा. गुरुवार शाम को शहर का प्रदूषण सबसे अधिक रहा. इस समय भागलपुर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में 13वें स्थान पर रहा. वहीं देश का चौथा सबसे प्रदूषित शहर रहा. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पछिया हवा के साथ पश्चिमी व उत्तरी भारत के बड़े शहरों से भारी मात्रा में प्रदूषित हवाएं पूर्व बिहार में आकर ठहर रही हैं.
वहीं ठंड बढ़ने के कारण वातावरण में मौजूद धूल व धुंए ऊपर उठने की बजाय धरती की सतह के निकट रहती है. प्रदूषण बढ़ने का एक कारण यह भी है. भागलपुर से ज्यादा प्रदूषण सहरसा, बेगूसराय व मुजफ्फरपुर में रहा. जबकि पटना व पूर्णिया में भागलपुर से थोड़ा कम प्रदूषण रहा. कुल मिला कर बिहार के हर हिस्से में प्रदूषण की स्थिति काफी बदतर रही. प्रदूषण बढ़ने से सेहतमंद लोगों पर इसका असर रहा. जो लोग पहले से बीमार हैं, उन पर प्रदूषण का गंभीर असर हुआ.
गुरुवार को जिले का न्यूनतम तापमान पांच डिग्री के करीब पहुंच गया. सुबह के समय धुंध व कोहरा छाये रहने के कारण 29 दिसंबर को कोल्ड डे जैसे हालात रहे. सुबह नौ बजे से धूप निकलने के कारण अधिकतम तापमान 23.5 डिग्री व सुबह के समय न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. इस कारण सुबह के समय लोग शीतलहर से कंपकंपाते रहे. दिन में थोड़ी राहत मिली, वहीं शाम ढलते ही एक बार फिर से शहर शीतलहर की चपेट में आ गया. हवा की औसत गति 5 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा रही.