सृजन घोटाले के कारण वित्तीय वर्ष 2016-17 में अटकी मेधावृत्ति राशि के आवंटन को शिक्षा विभाग ने भागलपुर जिला शिक्षा कार्यालय को जारी कर दिया है. सृजन घोटाले की जांच को लेकर मैट्रिक उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं व इंटर उत्तीर्ण एससी-एसटी वर्ग की छात्राओं को मेधावृत्ति वितरण पर रोक लग गयी थी.
छात्रवृत्ति राशि से वंचित 8000 से अधिक छात्र-छात्राओं को मेधावृत्ति दी जायेगी. जिला शिक्षा कार्यालय ने स्कूलों के प्रधानाध्यापकों से वंचित छात्र-छात्राओं की सूची मांगी है. सूची मिलने के बाद एक सप्ताह में राशि जारी की जायेगी. मेधावृत्ति देने के लिए स्कूलों को लाभुक छात्र-छात्राओं को ढूंढने में परेशानी हो रही है. कई छात्र राज्य के बाहर रह रहे हैं, वहीं कई छात्राओं की शादी होने की बात सामने आ रही है.
वित्तीय वर्ष 2016-17 की मेधावृत्ति के लगभग 5500 व पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के करीब 2500 लाभुकों की राशि नहीं मिल पायी. दोनों छात्रवृत्ति योजनाओं की राशि सृजन संस्था के खाते में चली गयी. प्रभावित अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग के छात्रों को मेधावृत्ति देने के लिए कल्याण विभाग के पास आज भी राशि नहीं है. सृजन घोटाला मामले में कल्याण विभाग ने 12.8.2017 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. कल्याण विभाग के तत्कालीन नाजिर को गिरफ्तार किया गया था. तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार जेल में है. इस मामले की जांच सीबीआइ के हवाले है.
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छात्रवृत्ति से वंचित हजारों छात्र भागलपुर समाहरणालय में आकर छात्रवृत्ति की मांग करते रहे, पर छात्रवृत्ति नहीं मिल पायी. कई बार छात्रों ने हंगामा भी किया.छात्रों को निराशा ही हाथ लगी. अब राशि जारी होने के बाद छात्रों को इसकी जानकारी भी नहीं मिल पा रही है.